शहीद कैप्टन की पत्नी स्मृति बोलीं पहली नज़र में हुआ प्यार, रुला देगा ये वीडियो
नई दिल्ली / 06 जुलाई / न्यू सुपर भारत ///
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को उनकी वीरता और अदम्य साहस के लिए कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित किया। शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह भी उन सैनिकों में शामिल थे जिन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था, जो उन्हें मरणोपरांत प्रदान किया गया।
राष्ट्रपति मुर्मू से सम्मान लेने शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति और उनकी माँ पहुंचीं, जिसका एक वीडियो वायरल हो रहा है. दरअसल, शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह और उनकी मां मंजू सिंह राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में शामिल हुई. दोनों ही शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह को दिए गए कीर्ति चक्र को स्वीकार करने के लिए मंच पर आए। इस दौरान बताया गया कि कैसे कैप्टन ने सियाचिन में जरूरी दवाओं, उपकरणों और अन्य सैनिकों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी. ये घटनाक्रम बताते हुए स्मृति सिंह की आंखों में आंसू साफ नजर आ रहे थे.
शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति नम आँखों से अपने पति के इस किस्से को सुन रहीं थीं,स्मृति ने आँखों में आंसुओं का सैलाब रोकते हुए कीर्ति चक्र सम्मान स्वीकार किया। दुख, दर्द और पीड़ा साफ तौर पर स्मृति के चेहरे पर झलक रही थी.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मान देने के बाद ढंढास बंधाया। जिसका वीडियो काफी वायरल हो रहा है.
शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति ने उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्सों को साझा करते हुए बताया कि उनकी मुलाकात कॉलेज के पहले दिन हुई थी और उन्हें पहली नजर में प्यार हो गया था। स्मृति बताती हैं कि एक महीने बाद अंशुमन का सिलेक्शन आर्म्ड फोर्सज मेडिकल कॉलेज के लिए हो गया था उनकी मुलाकात इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई थी और वह मेडिकल कॉलेज के लिए सिलेक्ट हो गए। वह बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट थे। स्मृति ने यह भी बताया की एक महीने की मुलाकात के बाद 8 सालों तक उनका लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप चला।
शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी स्मृति ने आगे बताया कि अंशुमान ने कहा कि उन्हें अब शादी कर लेनी चाहिए और उन्होंने की भी. परंतु शादी के 2 महीने बाद ही उनकी पोस्टिंग सियाचिन में हो गई। 18 जुलाई 2023 का एक किस्सा स्मृति ने साझा किया। स्मृति बताती है कि 18 जुलाई 2023 को अंशुमान के साथ उनकी लंबी बात हुई जिसमें उन्होंने आने वाले 50 सालों की बात की। आने वाले 50 सालों में उनका एक घर होगा, उनके बच्चे होंगे यह बातें स्मृति ने रुंधे गले से बताईं।
19 जुलाई की सुबह स्मृति बताती है कि उन्हें फोन आया की अंशुमन अब इस दुनिया में नहीं रहे। स्मृति ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं हुआ कि ऐसा भी हो सकता है। स्मृति भावुक होते हुए कहती हैं कि अब उनके हाथ में कीर्ति चक्र है इसका मतलब कि सच है। वह हीरो हैं। हम अपनी लाइफ मैनेज कर लेंगे। उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई ताकि तीन परिवार बच सकें।