मंडी / 17 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़:
जलशक्ति, बागवानी, राजस्व व सैनिक कल्याण मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने अनुसूचित जाति उप योजना की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि इस योजना के तहत मंडी जिला में चालू वित्त वर्ष में 150 करोड़ रुपये खर्चे जा रहे हैं। यह धनराशि अनुसूचित जाति समुदाय के सामाजिक व आर्थिक विकास पर खर्च की जा रही है।
इन कार्यों के लिए आबंटित किया धन
उपयोजना के तहत कृषि एवं सम्बद्ध सेवाओं के लिए 7 करोड़ 72 लाख 32 हजार रुपये, ग्रामीण विकास के लिए 20 करोड़ 53 लाख, पेयजल व सिंचाई सुविधाओं के लिए 15 करोड़ 48 लाख, सड़कों व पुलों के निर्माण के लिए 53 करोड़ 42 लाख, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 16 करोड़ 64 लाख और सामाजिक कल्याण के लिए 28 करोड़ 1 लाख रूपये आबंटित किए गए हैं।
इसमें से अभी तक विभिन्न विभागों के जरिए 37 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं।
पिछले साल खर्चे 137 करोड़
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में इस उप-योजना के तहत मंडी जिला में अनुसूचित जाति समुदाय के कल्याण पर 137 करोड़ 62 लाख 53 हजार रुपये व्यय किए गए।
उन्होंने बताया कि बीते वित्त वर्ष में कृषि एवं सम्बद्ध सेवाओं पर 7 करोड़ 13 लाख 51 हजार रुपये, ग्रामीण विकास पर 36 करोड़ 62 लाख, पेयजल व सिंचाई सुविधाओं पर 29 करोड़ 73 लाख, सड़कों व पुलों के निर्माण पर 37 करोड़ 22 लाख, स्वास्थ्य सेवाओं पर 11 करोड़ 28 लाख, सामाजिक कल्याण पर 34 करोड़ 51 लाख रूपये व्यय किए गए ।
दो साल में सामाजिक पेंशन के 32 हजार नए मामले स्वीकृत
जलशक्ति, बागवानी, राजस्व और सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने जिला कल्याण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने दो साल में मंडी जिला के सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जुड़े 32 हजार से अधिक मामलों को स्वीकृति दी है। जिला में अब कुल सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में कुल 1 लाख 4 हजार 869 लोग हैं। इसके लिए 156 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
सरकार गरीबों वचितों को हर सुविधा सेवा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
गरीबों-वंचितों के कल्याण पर खर्च होंगे 97 करोड़
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मंडी जिले में वर्ष 2020-21 में गरीबों-वंचितों के कल्याण पर करीब 97 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ये पैसा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, वृद्धों और दिव्यांगों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान पर खर्चा जाएगा।
बैठक में कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत बजट का अनुमोदन किया गया।
जिला में गृह अनुदान योजना के तहत 174 घरों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 2.61 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत गृह निर्माण के लिए 1 लाख 50 हजार रुपए और मुरम्मत कार्य के लिए 35 हजार रुपए का प्रावधान है।
इसके अलावा अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना के तहत साढ़े 6 लाख रुपये व्यय किये जाएंगे।
अनुवर्ती कार्यक्रम के तहत आजीविका कमाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करने की योजना में परिवार की आय सीमा की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। इस बार इसके लिए 10 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
दिव्यांग विवाह अनुदान योजना के तहत 40 से 74 प्रतिशत तक के दिव्यांगों के मामलों में 25 हजार और 75 से 100 प्रतिशत के मामलों में 50 हजार की अनुदान राशि दी जा रही है। इस योजना के तहत जिला में इस वर्ष 7 लाख रूपये व्यय किए जाएंगे।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के युवाओं को कम्पयूटर प्रशिक्षण और दक्षता के लिए मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। योजना के तहत 19.26 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। जिला में इस वर्ष 389 युवाओं को सहायता प्रदान की जाएगी।इसके उपरांत, महेंद्र सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी की एवं अधिकारियों को विकास कार्यों को तेज गति से अमलीजामा पहनाने को लेकर जरूरी निर्देश दिए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रत्येक विधानसभा के दो गांवों को प्रति वर्ष आदर्श गांव बनाने के लिए 10-10 लाख रुपए व्यय किए जाते हैं। गांव के चयन के लिए गांव की जनसंख्या कम से कम 200 व अनुसूचित जातिजनजाति की कम से कम 40 प्रतिशत होनी चाहिए।
बैठक में नाचन के विधायक विनोद कुमार, करसोग के हीरा लाल, बल्ह के इन्द्र सिंह गांधी, द्रंग के जवाहर ठाकुर, जोगिन्द्रनगर के प्रकाश राणा ने भी विकास योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर बहुमूल्य सुझाव दिए।
उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने समिति अध्यक्ष व सदस्यों का स्वागत करते हुए समिति के सभी निर्देशों को सही तरीके से लागू करने का भरोसा दिलाया।
बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष सरला ठाकुर, नगर परिषद अध्यक्ष सुमन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा, अतिरिक्त जिलादंडाधिकरी श्रवण मांटा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।