मंडी जिला में चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जा रही है ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की संख्या – उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर
मंडी / 3 मई / न्यू सुपर भारत
उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि मंडी जिला में ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की संख्या चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जा रही है। श्री लाल बहाुदर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल नेरचौक में ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की सुविधा को 120 बिस्तरों से बढ़ा कर 220 किया गया है। आगे इसे बढ़ा कर 300 करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें, नेरचौक अस्पताल में अभी मंडी जिला के करीब 100 कोरोना संक्रमित मरीज उपचाराधीन हैं।
वहीं नेरचौक अस्पताल के अतिरिक्त जिला में और 135 ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इनमें बीबीएमबी अस्पताल सुन्दरनगर में 40, मातृ-शिशु अस्पताल सुन्दरनगर में 50 बिस्तर हैं। नागरिक चिकित्सालय रत्ती में ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की संख्या को 25 से बढ़ा कर 45 किया गया है। इन अस्पतालों में 88 मरीज उपचाराधीन हैं। अन्य बैड अभी रिक्त हैं। इसलिए जिला में ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की कोई कमी नहीं है।
उपायुक्त ने कहा कि इसी हफ्ते मेक शिफ्ट अस्पताल भंगरोटू चालू हो जाएगा। आरंभ में इसमें 80 से 90 ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की सुविधा शुरू होगी। मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर के निर्देशानुसार राधा स्वामी सतसंग ब्यास खलियार में भी ऑक्सीजन युक्त 200 बिस्तरों का मेक शिफ्ट अस्पताल बनाया जा रहा है। इसका काम सोेमवार से शुरू हो गया है। अगले 10 से 15 दिनों में यह बन कर तैयार हो जाएगा।
मंडी में चिकित्सकीय उपयोग हेतु ऑक्सीजन निर्माण की अच्छी क्षमता
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन कोरोना से उत्पन्न चुनौतियों के समाधान के साथ साथ क्षमता विकास पर बल दे रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में चिकित्सकीय उपयोग हेतु ऑक्सीजन निर्माण की अच्छी क्षमता है । इसे और बढ़ाने तथा ऑक्सीजन सिलेंडरों की संख्या में इजाफा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला में प्रतिदिन 1600 आक्सीजन सिलैंडर जाते हैं। इसे और बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। जिला में उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेंडरों की संख्या का डैटा तैयार किया जा रहा है ताकि किसी आपात स्थिति में उन्हें इस्तेमाल किया जा सके। इसके अलावा नेरचौक अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गया है, जिससे अस्पातल को बड़ी मदद मिल रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी कोरोना की रफ्तार
उपायुक्त ने बताया कि अप्रैल माह में जिला में कोरोना संक्रमण के 4500 नए मामले आए हैं। इनमें यह टेªंड देखने को मिल रहा है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है। मौजूदा समय में कोरोना संक्रमण के 61 फीसदी मामले ग्रामीण क्षेत्रों से हैं जबकि 39 प्रतिशत शहरी इलाकों के । यह आंकड़ा 15 दिन पहले लगभग 50-50 फीसदी का था।
इस पूरे दौर में जिला में कोरोना मामलों में मृत्यु दर 1.27 प्रतिशत है, जो लगभग पिछले वर्ष की दर के बराबर ही है । ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जिला मंडी में वर्तमान में कोरोना संक्रमण के 2251 एक्टिव मामले हैं। इनमें से 189 लोग विभिन्न कोविड अस्पतालों में उपचाराधीन हैं । कोरोना संक्रमण से ग्रसित ज्यादातर लोग घर में रह कर ही ठीक हो रहे हैं, अन्य अस्पताल में उपचार के उपरांत ठीक हो कर घर जा रहे हैं।
कोरोना के पूरे दौर में जिला मेें कोरोना से 186 लोगों की दुखद मुत्यु हुई हैं । इनमें कोरोना के पहले दौर में 125 की मृत्यु हुई जबकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमण से 61 लोगों की मृत्यु हुई है। कोरोना की दूसरी लहर के दौर में जिला में संक्रमण की दर लगभग 13 फीसदी है। लेकिन यह चिंताजनक है कि पिछले हफ्ते में जिला में पॉजिटिविटी दर लगभग 30 प्रतिशत रही है। इसके मायने हैं कि पिछले सप्ताह जिला में किए गए कोरोना टैस्ट में हर तीसरा व्यक्ति संक्रमित पाया गया है ।
चुनौतीपूर्ण है मई महीना, डीसी की जनता से अपील कोविड प्रोटोकॉल का करें पालन
उपायुक्त ने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए सभी लोगों के सहयोग की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि मई का महीना हम सभी लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है । उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बिना किसी आवश्यक कार्य के घर से बाहर न निकलें।
अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए संक्रमण को फैलने से रोकने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें । उन्होंने कहा कि यदि घर से बाहर जाना जरूरी हो तो मास्क लगाकर जाएं तथा अपने नाक व मुंह को पूरी तरह से मास्क से ढक कर रखें । मास्क को तभी ही निकाले जब घर वापसी हो तथा घर पहुंचने पर हाथ को अच्छी तरह से साफ कर लें ।
उन्होंने लोगों से यह भी आह्वान किया कि वे एक-दूसरे के घर आने-जाने में भी परहेज रखें । उन्होंने कहा कि यदि हम इन निमयों का पालन करेंगे तो मुझे पूरा विश्वास है कि हम संक्रमण को रोकने में जरूर कामयाब होंगे ।