मक्की की फसल पर तना बेधक व फाॅल आर्मीवार्म कीट का प्रकोप
बिलासपुर / 2 जुलाई / न्यू सुपर भारत
कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा जिला के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने पर पाया गया कि आजकल मक्की की फसल पर तना बेधक व फाॅल आर्मीवार्म कीट से फसल को नुक्सान पहुंचा रहा है।
उप-निदेशक कृषि बिलासपुर डाॅ0 कुलदीप सिंह पटियाल ने बताया कि तना बेधक कीट की सुण्डियाॅं नए पत्तों को पर्ण चक्र में घुसकर खाती है और मुख्यतः मक्की की पत्तियों को खाती है और बाद में पौधे की मध्य शाखा एंव तन्ने के अंदर चली जाती है और तन्ने को खाती है और उसे खोखला कर देती हैं पौधे धीरे-2 सूखकर मुरझा जाते हैं।
उन्होंने बताया कि फाॅल आर्मीवार्म कीट पतियों को बीच से खाकर छिद्र करता है उसके बाद धीरे-2 तन्ने का रस चूसकर उसे खाकर खोखला कर देता है। इस कीट की मुख्य पहचान है कि कीट पत्तियों पर कीट का मल लकड़ी के बुरादे की तरह देखा जा सकता है।
उन्होंने किसानों को सलाह दी जाती है कि कीटों के नियंत्रण हेतू किसान सुण्डी को पकड़कर मसल दें। खेतों के बीच में पक्षियों के बैठने हेतू श्ज्श् आकार के लकड़ी के बैठकू फसल की ऊॅंचाई अनुसार लगाएं ताकि पक्षी सुण्डियों को खा सकें लेकिन ध्यान रहे कि भुट्टे बनने पर श्ज्श् आकार के बैठकू हटा दें। जब कीटों की संक्रमण 10 प्रतिशत से अधिक हो तथा रासायनिक कीट नाश का प्रयोग बेहतर होता है।
कीटनाशक दवाई कलोंरोपाईरीफाॅस 20 ई.सी. 2 मिली लीटर प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें। नीम आधारित कीटनाशी अजैडिरैक्टिन 1500 पी.पी.एम 5 मि0ली0 प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव कर सकते हैं उन्होंने आगे बताया कि उपरोक्त रासायनिक दवाईयां विभाग के सभी विक्रय केंद्रों पर उपलब्ध है तथा किसान इन्हें विभाग के अधिकारियों की सलाह से सुण्डी नियंत्रण के लिए इसका प्रयोग कर सकते है।
उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए सभी विकास खण्डों में कार्यरत कृषि विभाग के अधिकाारियों से संपर्क कर सकते है।