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महाशिव रात्रि *** जलाभिषेक के लिए सजे शिवालय *** शिवलिंग पर जल अर्पित कर श्रद्धालु करेंगे सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना

बनौड़े महादेव मंदिर चताड़ा में तालाब के ऊपर बनाया गया झूला पुल

बनौड़े महादेव मंदिर चताड़ा में फूलों से सजाया गया शिवलिंग

ऊना, 20फरवरी (राजन चब्बा):

महाशिवरात्रि को लेकर ऊना जिला के सभी मंदिरों पर तैयारियां कर लीगई है। महाशिव रात्रि पर हजारों श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ काजलाभिषेक करेंगे। वहीं ऊना में महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य मेंशिव मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है।

ध्यूंसर महादेव मंदिर का बाहरी दृश्य
ध्यूंसर महादेव मंदिर का रंग-बिरंगें फूलों से सजा शिवलिंग।

पूरा जिले के शिवमंदिर सजाए जा चुके हैं। शिव भक्त भक्ति के रंग में रंग चुके  है। महाशिव रात्रि से पहले हीशिवालयों में चहल-हल शुरू हो गई है। महाशिव रात्रि के पर्वपर शिव भक्त व्रत रखेंगे। वहीं शहर के कई स्थानों पर भंडारेका आयोजन किया जाएगा। वहीं इस बार कांवड भी शिवमंदिरों में जलचढ़ाएंगें। शुक्रवार को शिवरात्रि महापर्व मनाया जा रहा है।प्राचीन ध्यूंसर महादेव मंदिर तलमेड़ा में दो दिनों सेश्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है। जिला ऊना के प्रमुखधार्मिक स्थलों में से एक तलमेहड़ा के सदाशिव मंदिर की विशेषधार्मिक मान्यता है कि पूरा वर्ष यहां लाखों की तादाद में श्रद्धालुनमन करने और भगवान शंकर की आराधना करने के लिए पहुंचतेहैं। मान्यता है कि करीब 5500 वर्ष पहले महाभारत काल में पांडवोंके पुरोहित श्री धौम्य ऋषि ने तीर्थ यात्रा करते हुए इसी ध्यूंसरनामक पर्वत पर शिव की तपस्या की थी। भगवान शिव ने प्रसन्न होकरदर्शन देते हुए वर मांगने को कहा था जिस पर ऋषि ने वर मांगा किइस पूरे क्षेत्र में आकर उनके द्वारा स्थापित किए गए ध्योमेश्वर शिवकी पूजा करने वाले की मनोकामनाएं पूरी हो। मान्यताओं केमुताबिक भगवान शिव तथास्तु कहकर अंर्तध्यान हो गए थे। मंदिरमें करीब 5000 से अधिक क्षमता के लंगरहाल के साथ-साथ जगह-जगहश्रद्धालुओं के बैठने के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है। जिला के सबसेखूबसूरत स्थलों में से एक तलमेहड़ा की पहाड़ी श्रृखंलाओं में सेसबसे ऊंचे पहाड़ में से एक पर स्थित सदाशिव मंदिर से पूरेजिला का आलौकिक नजारा देखने को मिलता है। यूं तो पूरा वर्षश्रद्धालु आते हैं, लेकिन श्रावण माह में यहां श्रद्धालुओं की इतनी भीड़उमड़ती है कि खड़े होने के लिए भी जगह नहीं बचती। अनेक श्रद्धालुयहां भंडारों का आयोजन करते हैं। ऊना से लगभग 10 किलोमीटरदूर बनौड़े महादेव मंदिर चताड़ा में तालाब पर झूले पुल कानिर्माण किया गया है। मंदिर में माथा टेकने शिव भक्त इस पुलपर से होकर जायेंगे। बनौड़े महादेव मंदिर चताड़ा हिमाचल कीपहाड़ियों में ऐसा शिव मंदिर है कि जहां पर भगवान शिव औरमां पार्वती एक ही शिवलिंग में विराजमान हैं। बनौड़े महादेव कीदूर-दूर तक मान्यता है। बनौड़े महादेव पर जल चढ़ाने से हरमनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर में शिव की कृपा तो हरभक्त पर रहती है मगर मां पार्वती भी सुहागिनों सदा सुहागिनरहने का आशीर्वाद देती है।

कोटलाकलां महादेव मंदिर की 84 फीट ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा का दृश्य।

ऊना से 5 किलोमीटर दूर महादेवमंदिर कोटला कलां भी देखने में अदभुत है। जिसका स्वामी मंगलानंद जी मंरि का संचालन कर रहे है। यहां पर स्थापित भगवानशिव की 84 फुट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की गई है। इस प्रतिमाको देखने के लिए शिव भक्त दूर-दूर से पहुंचते हैं। मंदिर मेंअन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं। बता देंकि मंदिर में अटूट लंगर हमेशा लगा रहता है। वहीं महाशिवरात्रि पर मंदिरों में शिवरात्रि की तैयारियां पूरी कर ली गईहै। मंदिरों में पूजा-अर्चना, हवन और रुद्राभिषेक की तैयारी करली गई है। महाशिव रात्रि के मौके पर इन शिवालयों के अलावासभी छोटे बड़े और नए व पुराने शिवालयों में शिव आस्था कीबहार बहती है। आज शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग परश्रद्धालु जल अर्पित कर सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना करेंगे।

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