क्षय रोग के बारे में विद्यार्थियों को किया जागरूक
शाहपुर / 29 नवंबर / न्यू सुपर भारत /
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के शाहपुर परिसर और धौलाधार परिसर एक में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई-1 और रेड रिबन क्लब के संयुक्त तत्वावधान में “टीबी मुक्त भारत” विषय पर संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के शाहपुर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी कांगड़ा डॉ. आरके सूद और डब्ल्यू.एच.ओ. सलाहकार, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, डॉ. कामेश वेंकटेशन बतौर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
उन्होंने क्षय रोग (टी बी) और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और छात्रों के साथ संवाद किया। उन्होंने टीबी को समाप्त करने के लिए सामुदायिक भागीदारी और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम में डॉ. सुनील कुमार (डीन स्टूडेंट वेलफेयर) कार्यक्रम अध्यक्ष और डॉ. भाग चंद चौहान (निदेशक, शाहपुर परिसर) ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। कार्यक्रम के दौरान डॉ. जितेंद्र कुमार (एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी, शाहपुर परिसर) और डॉ. मुरली (समन्वयक, रेड रिबन क्लब, शाहपुर परिसर) का इस महत्वपूर्ण विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए धन्यवाद दिया। वहीं धौलाधर परिसर-1 में रेड रिबन क्लब की ओर से आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में ‘टीबी मुक्त भारत’ अभियान को नई ऊर्जा मिली। इस कार्यक्रम का आयोजन रेड रिबन क्लब द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. राजेश कुमार सूद, जिला कांगड़ा टीबी अधिकारी और विशेष अतिथि के रूप में डॉ. ललित मोहन, सहायक आचार्य मौजूद रहे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय के बीच टीबी के बारे में जागरूकता फैलाना और इस बीमारी के उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास करने को प्रेरित करना रहा। डॉ. राजेश कुमार सूद ने अपने संबोधन में टीबी के बारे में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि कैसे इस बीमारी का इलाज संभव है। क्लब के समन्वयक, डॉ. भरत सिंह और डॉ. अमरीक सिंह ठाकुर ने बताया कि क्लब की ओर से कई गतिविधियां जिसमें सेमिनार, कार्यशालाएं, पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से एचआईवी/एड्स, यौन संचारित रोगों, नशीली दवाओं, तंबाकू और शराब के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना। स्वास्थ्य जांच शिविर एचआईवी/एड्स परीक्षण, ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल आदि की जांच इत्यादि की गईं।