शिमला / 12 अगस्त / न्यू सुपर भारत
हिमाचल एम्पोरियम हिमाचल प्रदेश के हथकरघा व हस्त शिल्प से जुड़े शिल्पियों को मंच प्रदान करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, जहां स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी हिमाचल प्रदेश के पारम्परिक हस्तशिल्प तथा हथकरघा के उत्पाद प्राप्त होते हैं। यह विचार आज शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हिमाचल एम्पोरियम के नवीनीकरण के उपरांत उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि इस एम्पोरियम के माध्यम से न केवल पर्यटकों अपितु अति विशिष्ट व्यक्तियों को भी स्थानीय उत्पाद प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि शिमला के प्रमुख नगर माल रोड पर स्थित होने से इस इम्पोरियम की उपयोगिता और भी अधिक बढ़ जाती है।
उन्हांेने कहा कि हिमाचल एम्पोरियम के आधुनिकीकरण से बिक्री में बढ़ोतरी के साथ-साथ बुनकरों तथा दस्तकारों को भी लाभ प्राप्त करेगा। एम्पोरियम में परम्परागत व विलुप्त हो रही हस्तशिल्प व हथकरघा वस्तुओं और कलाओं को भी आम जनता को प्रदर्शित एवं बिक्री के लिए रखा जा रहा है, जिससे हिमाचल की पहचान है।
इसके उपरांत उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प व हथकरघा निगम वर्ष 1974 से बुनकरों और दस्तकारों को उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री के लिए अपने विभिन्न बिक्री केन्द्रों के माध्यम से उचित स्थान उपलब्ध करवा रहा है। इसके अतिरिक्त इन बुनकरों और दस्तकारों को निगम द्वारा लगाई जाने वाली प्रदर्शनियों में भी उनके द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प व हथकरघा की बिक्री के लिए निःशुल्क स्थान उपलब्ध करवा रहा है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल एम्पोरियम के नवीनीकरण में लगभग 50 लाख रुपये की राशि व्यय की गई है। इस एम्पोरियम के नवीनीकरण से आम जनमानस को लाभ प्राप्त होने के साथ बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों को भी हिमाचल प्रदेश के पारम्परिक वस्त्र तथा हथकरघा से बने उत्पाद आकर्षण का केन्द्र होंगे।
इस अवसर पर हथकरघा और हस्तशिल्प बोर्ड के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, प्रबंध निदेशक कुमुद सिंह, निदेशक राकेश कुमार प्रजापति, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र योगेश गुप्ता तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।