अम्बाला / 2 अगस्त / न्यू सुपर भारत
उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य चुनते हुए उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत कर आगे बढऩा चाहिए। ऐसा करके उन्हें सफलता अवश्य मिलेगी। प्रतिस्पर्धा के युग में वही आगे बढ़ता है जो मेहनत करते हुए अपने लक्ष्य को हासिल करता है। सरकारी स्कूल के बच्चे भी आगे आकर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उपायुक्त आज बलदेवनगर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 11वीं व 12वीं के बच्चों से बातचीत कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए उन्हें जीवन में आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया तथा कहा कि जीवन में आगे बढऩे के लिए सबसे पहले हमें यह निर्धारित करना है कि हमें क्या बनना है, क्या तैयारी करनी है, मकसद हमारा लक्ष्य साफ होना चाहिए। उसके तहत हमें तैयारी करते हुए आगे बढऩा चाहिए। इस मौके पर उन्होंने विद्यार्थियों से आगे क्या बनना चाहते हैं इस बारे भी उनसे पूछा।
विद्यार्थियों ने भी उन्हें जीवन में आगे बढऩे के लिए जो सोच रखा है, उस बारे उन्हें बताया। विद्यार्थी तरूण ने उपायुक्त को बताया कि वह एलएलबी करना चाहता है। उपायुक्त ने विद्यार्थी को कहा कि वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से इस पढ़ाई को करें। विद्यार्थी ने वहां पर खर्चा होने की जब बात कही तो उपायुक्त ने उसे कहा कि वह मेहनत कर वहां पर एडमिशन लें। यदि उसका वहां पर एडमिशन हो जाता है तो वह उनका कोचिंग संबधी जो भी सारा खर्चा है, वह उसे वहन करेंगे। वह कभी भी उनसे आकर मिल सकता है। इसी प्रकार कुछ विद्यार्थियों ने चार्टड अकाउंटेट, आर्मी में जाने की बात कही।
उपायुक्त ने विद्यार्थियों को कहा कि यदि वे 10वीं व 12वीं में ही अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लें कि उन्हें जीवन में आगे बढऩे के लिए क्या तैयारी करनी है। ऐसा करके जब वह मेहनत करेंगे तो जीवन भर सुखी रहेंगे। उन्होंने उपस्थित टीचरों को भी कहा कि वह विद्यार्थियों को आगे बढऩे के लिए उन्हें क्या तैयारी करनी है और किस फिल्ड में जाना है, कौनसी टॉप यूनिवर्सिटी से उन्हें पढ़ाई करनी है, इन बातों के बारे उन्हें जागरूक करें और विद्यार्थियों द्वारा उसके लक्ष्य के मुताबिक उसे मोटिवेट करें। उन्होंने कहा कि टीचर को सबसे ज्यादा खुशी जब होती है जब उनके द्वारा पढ़ाया गया विद्यार्थी जीवन में आगे बढ?र मुकाम हासिल करता है।
उपायुक्त ने मौके पर उपस्थित टीचरों से स्कूल में कितने बच्चे पढ़ाई के लिए पहुंच रहे हैं, इसकी जानकारी ली और जो बच्चे नहीं आ रहे हैं इस बारे भी पूछा। उपायुक्त ने अध्यापकों को कहा कि जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं उनके अभिभावकों के साथ-साथ बच्चों की काउंसलिंग करें और उन्हें प्रेरित करें कि वे स्कूल में पढ़ाई के लिए पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि एक चार्ट के माध्यम से वह उन्हें एक रिपोर्ट अगले सप्ताह तक उनके कार्यालय में दें कि विद्यार्थियों को उन्होंने किस प्रकार प्रेरित करते हुए आगे बढऩे के लिए कहा है। विद्यार्थियों से उनके लक्ष्य को पूछते हुए उस बारे किस प्रकार जागरूक किया है इस बारे भी बताया।