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लांगणा पंचायत का विभाजन ना होने से लोगों में आक्रोश व मायूसी 

लडभड़ोल / 25 अगस्त / प्रमोद धीमान

लडभड़ोल क्षेत्र की सबसे अंतिम और दुर्गम पंचायत लांगणा की नई अलग पंचायत ना बनने के कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश की लहर है , 4500 की आबादी वाली इस पंचायत में लगभग 2500 मतदाता मौजूद है तथा पंचायत के सात वार्ड लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में फैले हुए हैं।

दूरी अधिक होने के कारण अधिकांश पंचायत की आम सभा के कोरम अधूरे रह रहे हैं तथा पंचायत के विकासात्मक कार्य ठप पड़े हुए हैं। क्योंना, गयूहणी, प्रैंण, चिमणू, नेरी, कोटला व बन गांव के लोगों की मांग थी कि लांगणा को तोड़कर हमारी एक अलग नई पंचायत का गठन किया जाए। कई दशकों के बाद हो रहे नई पंचायतों के पुनर्गठन से लोगों में नई पंचायत बनने की उम्मीद जगी थी लेकिन नई पंचायतों के गठन की अधिसूचना में नाम ना होने के कारण लोगों में मायूसी छा गई। नई पंचायतों के गठन के लिए रख रखी गई सभी शर्तों को पूरा करने तथा पंचायत द्वारा समय पर प्रस्ताव पास करके भेजे जाने के बावजूद भी सूची में नाम नहीं आया।

युवा विकास मंच लांगणा के सदस्यों, सचिव एवं वार्ड पंच लंगारा अंकुश शर्मा, वार्ड पंच राजेश कुमार सकलानी सिंह, प्रताप सिंह, चंद्रमणि राणा, राकेश कुमार, लेख राज, सतीश शर्मा, कश्मीर सिंह, बलदेव राणा आदि लोगों ने इस फैसले पर हैरानी तथा आपत्ति जताई है तथा मांग की है कि लांगणा को तोड़कर एक नई पंचायत का गठन किया जाए। अधिकांश लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, विधायक प्रकाश राणा से मांग की है कि प्राथमिकता के आधार पर हमारी अलग पंचायत का गठन किया जाए अगर हमारी नई पंचायत नहीं बनी तो आगामी पंचायत चुनाव में बहिष्कार किया जाएगा, इस बारे में विनोद कुमार सचिव लांगणा पंचायत ने कहा कि लोगों ने अलग पंचायत बनाने का प्रस्ताव आम सभा में पास किया था  जिसको हमने आगामी कार्यवाही के लिए आगे भेज दिया हैं।

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