लडभड़ोल / 18 अगस्त / प्रमोद धीमान
माकपा नेता व किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता से मिला गांव वासियों का प्रतिनिधिमंडल मिला। इस प्रतिनिमंडल में भूतपूर्व सैनिकों मिलाप चंद व कृष्ण चंद के अलावा अर्जुन सिंह, रमेश चंद, सुनील कुमार, राज कुमार, राजो देवी, दीपा देवी, सीमा देवी, कमला देवी, गीता देवी, जसो देवी व अरूण कुमार भी शामिल थे। गांव वासियों की बैठक किसान सभा के स्थानीय कार्यालय में आयोजित की गई तथा आगामी संघर्ष की रणनीति भी बनाई गई।पूर्व सैनिक मिलाप चंद, कृष्ण चंद तथा अन्य गांव वासियों का कहना है कि उन्होंने विभाग से लेकर, विधायक, मंत्री व मुख्यमंत्री तक कई बार गुहार लगाई है। स्थानीय विधायक से भी कई बार पानी उपलब्ध करवाने का आग्रह किया लेकिन उन्हें आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। पिछले 42 वर्ष से हर सरकार के दौरान यही हो रहा है। हालत यह है कि बरसात में भी 10 दिन में एक आध बार ही पानी आता है।
उन्होंने कहा कि जब सब जगह से निराशा ही मिली तो हम गांव वासियों ने खुद तय किया कि अपनी वर्तमान व भविष्य की पीढ़ी के लिए साफ पेयजल हेतु किसान सभा से जुड़कर किसान नेता कु़ुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में निर्णायक आंदोलन छेड़ेंगे। इसी लिए आज सभी गांववासी स्वयं किसान सभा के कार्यालय में पहुंचे हैं।बैठक के बाद गांव के प्रतिनिधिमंडल ने अधिशाषी अभियंता को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर कुशाल भारद्वाज ने कहा कि लडभड़ोल के कतकल गांव के लोग नाले से कीचड़नुमा पानी भर कर पीते हैं, जो सोशल मीडिया में भी वायरल हुआ था। नाले से भी बड़ी मुश्किल से बूंद-बूंद पानी इकट्ठा कर पीने को मजबूर गांववासियों की हालत देखकर अपनी समाज व्यवस्था पर शर्म आती है, और चुनावों के दौरान चांद-तारे तोड़ कर गांव-गांव विकास की गंगा बहाने के वायदे करने वाले नेताओं पर का झूठ भी इस तरह के बदतर हालातों से बेनकाब हो जाता है, लेकिन हमारे राजनेताओं पर इसका कोई असर नहीं होता है। हर रोज करोड़ों रूपयों की पानी की स्कीमें गिनाई जाती हैं, लेकिन हकीकत में लोगों को पेयजल भी उपलब्ध नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि कतकल गांव की प्यास बुझाने के लिए किसी नई स्कीम की भी जरूरत नहीं है। भलारा स्थित जिस स्तोत्र से इस गांव को पानी आता है वहां मुख्य स्रोत में पानी की कमी नहीं है, लेकिन कतकल गांव में अधिकांश लोग दलित समुदाय से हैं तथा इस स्रोत से पानी प्राप्त करने वाला यह आखिरी गांव है। पूरे गांव में मात्र दो सार्वजनिक नल लगे हैं, जिनमें से एक में तो कभी भी पानी नहीं आता है और दूसरे नल में भी पानी तब आता है, जब बाकि गांवों के नलके बंद हो जाएं और पानी की सप्लाई जारी रहे, लेकिन ऐसा होता नहीं है। बाकि गांवों में हर घर में नलके हैं, लेकिन कतकल गांव में किसी के घर में भी नलका नहीं है। कतकल गांव को मात्र आधा इंच चौड़ी पाईप का कनेक्शन दिया गया है।
उन्होंने मांग की कि मुख्य स्तोत्र से कम से कम डेढ़ ईंच की पाईप का कनेक्शन दिया जाए जिससे कतकल गांव को भी पर्याप्त पानी मिल सके। उन्होंने कहा कि इस गांव में एक हैंड पम्प भी लगाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि एक महीने के अंदर कतकल गांव में पेयजल की निर्बाध आपूर्ति के लिए विभाग ने व हुक्मरानों ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो गांववासियों को एकजुट कर किसान सभा कतकल गांव में पेयजल के लिए सत्याग्रह शुरू करेगी। जिसकी शुरूआत जलशक्ति विभाग के मंडल कार्यालय के घेराव से की जाएगी।