कुष्ठ रोग का इलाज सम्भव है, जांच करवाकर शीघ्र इलाज करवाएं
बिलासपुर / 25 फरवरी / न्यू सुपर भारत
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ0 प्रकाश दरोच ने बताया कि कुष्ठ रोग एक इलाज योग्य बीमारी है। यह रोग एक ऐसा रोग है जो माईकोवैक्टीरियम लैपरी के कारण होता है न कि किसी अभिशाप व पाप के कारण यद्दपि यह बीमारी अभी एक आम स्वास्थ्य समस्या नहीं है लेकिन अभी भी इसका विषाणु वातावरण में व्याप्त है क्योंकि जिला में अभी तक इसकें दो रोगी हैं। इसका सरकारी चिकित्सालयों में निशुल्क ईलाज किया जाता है। यह बीमारी खांसने, छिकने व लम्बे समय तक संक्रामक रोगी के साथ रहने से फैलती है। इसके कारण व्यक्ति के शरीर में त्वचा पर हलके पीले रंग के दाग, तांबे रंग के दाग, जिनमें छुने पर चेतना का एहसास न हों, शरीर के किसी भाग में नसों का मोटा होना, हाथों की उंगलियों की पकड कम होना, आंखों की पलकों का बन्द न होना, भोहों के बालों का कम होना, शरीर के घावों का लम्बे समय तक ठीक न होना आदि।
उन्होंने कहा कि जिला को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे है तथा विभाग द्वारा समय-समय पर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। समाज को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षणों और निवारण तथा समाज में इस रोग के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करने के बारे में जागरूक करने के प्रयास लगातार जारी हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी को लक्षण पाए जाते हैं तो तुरन्त चिकित्सक को दिखाए।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों से आहवान किया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी द्वारा इस बीमारी के प्रति किए गये कार्यों से प्रेरणा लेकर जीवन के लक्ष्य तथा महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में, लोगों को जागरूक करें। समाज में लोगों को महात्मा गांधी जी ने कुष्ठ रोग से पीडित मरीजों की बिना किसी भेदभाव से सेवा की और समाज में प्रेरणा स्त्रोत बनें। इस क्षेत्र में विनोवा भावे, मदर टेरेसा आदि विभूतियों ने भी पूर्ण रुप से बढ-चढकर कार्य किया और यह सिखाया कि इस रोग से पीडित मरीजों से किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए और समाज में उन्हें बराबर का दर्जा प्रदान करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग साध्य रोग है इसका पूर्ण इलाज करने से मरीज पूर्ण रुप से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है। जितना जल्दी हो जांच कराकर समय पर इलाज करवाकर अपंगता से बचा जा सकता है।