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कृषक हितैषी योजनाओं का भरपूर लाभ उठा रहे हमीरपुर जिला के किसान, गत्त वर्ष उत्तम चारा उत्पादन सहित अन्य योजनाओं पर दो करोड़ रुपए व्यय

हमीरपुर / 26 मई / न्यू सुपर भारत

कृषि क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषक हितैषी योजनाएं किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, अदरक विकास योजना, उत्तम चारा उत्पादन योजना तथा बीज गांव योजना जैसी कई योजनाएं किसानों की दैनिक जरूरतों को पूरा करने में अपनी महत्ती भूमिका निभा रही हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत जिला में गत वर्ष दो करोड़ रुपए से अधिक की राशि व्यय की गई है।

उत्तम चारा उत्पादन योजना प्रदेश के किसानों को चारा उत्पादन में विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारम्भ की गई है। इस योजना के अंतर्गत खरीफ एवं रबी मौसम में उगायी जाने वाली चारे की फसलों के बीज अथवा चारा काटने की मशीन पर 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।

हमीरपुर जिला में वर्ष 2020-21 में इस योजना के अंतर्गत लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है। इस अवधि में जिला के किसानों एवं पशुपालकों को 2,115 क्विंटल चरी, 1,156 क्विंटल बाजरा, 209 क्विंटल बरसीम तथा लगभग 1,923 क्विंटल जवी का बीज अनुदानित दरों पर उपलब्ध करवाया गया।

प्रदेश सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से संचालित की जा रही अदरक विकास योजना एवं बीज गांव योजना के प्रति भी किसान काफी रूचि दिखा रहे हैं। अदरक विकास योजना के अंतर्गत गत वित्तीय वर्ष में हमीरपुर जिला में राइजोम सड़न रोग प्रबंधन पर 100 प्रदर्शनी प्लाट एवं चार किसान प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए। योजना में आवंटित लगभग दो लाख रुपए की राशि विभिन्न मदों पर व्यय की गई है।

बीज गांव योजना के अंतर्गत किसानों को गेहूं का बीज अनुदानित दरों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में जिले में इस योजना के अंतर्गत 2,250 क्विंटल गेहूं का बीज किसानों को अनुदान पर वितरित किया गया। योजना के तहत जिला में गत वित्त वर्ष में 16 लाख रुपए से अधिक की राशि व्यय की गई है।

इसके अतिरिक्त मिट्टी की गुणवत्ता सुधारते हुए उत्पादन में वृद्धि के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का बेहतर क्रियान्वयन यहां सुनिश्चित किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में जिले में 3,624 मृदा नमूनों का परीक्षण करने के उपरांत इन सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं।

इसके अतिरिक्त किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार संतुलित खादों का उपयोग करने के लिए गत वर्ष 122 प्रशिक्षण शिविर तथा 121 प्रदर्शनी प्लाट लगाए गए। योजना के अंतर्गत जिला में गत वित्त वर्ष में लगभग 37 लाख रुपए की राशि व्यय की गई है।

उपायुक्त देबश्वेता बनिक का कहना है कि दैनिक कृषि कार्यों में सहायक इन योजनाओं का त्वरित एवं समयबद्ध लाभ जिला के सभी पात्र किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए कृषि विभाग को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

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