केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती डिजीटल प्लेटफार्म के माध्यम से आधिकारिक कामों की कर रहे हैं समीक्षा।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण घरों में 4 करोड़ नल कनेक्शन का आंकड़ा पार करने पर खुशी जताई।
अम्बाला / 2 अप्रैल / न्यू सुपर भारत
केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया के कोविड 19 पोजिटिव होने पर उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य मंत्री पर सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें साझा कीं। जिसमें उन्हें डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से महत्वपूर्ण आधिकारिक कार्यों को करते देखा जा सकता है।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे जल जीवन मिशन अभियान के तहत देशभर के ग्रामीण घरों में दिए जा रहे नल कनैक्शन का आंकड़ा 4 करोड़ पार करने पर राज्यमंत्री ने खुशी व्यक्त की तथा इस अभियान से जुड़े सभी अधिकारियों को बधाई दी। अब तक जल जीवन मिशन के तहत 57 जिलों, 709 ब्लॉकों, 44,409 पंचायत, 86,886 गांवों ने फएचटीसी का 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह जानकारी उन्होंने जारी एक पे्रस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।
सम्बधिंत अधिकारियों ने ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से राज्य मंत्री को गांवों में पानी की आपूर्ति की इफैक्टिव मॉनिटरिंग करने के सफ ल पायलट प्रोजेक्ट के बारे में भी बताया गया, जिसे 5 राज्यों में पूरा किया गया है। यह प्रोजक्ट टाटा ट्रस्ट के सहयोग से किया गया है। कुल 5 राज्यों उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों के गांवों को इस प्रोजेक्ट में रखा गया।
श्री कटारिया ने बताया कि ढ्ढठ्ठह्लद्गह्म्ठ्ठद्गह्ल शद्घ ह्लद्धद्बठ्ठद्दह्य (ढ्ढशञ्ज) ह्लद्गष्द्धठ्ठशद्यशद्द4 के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों, ग्राम जल आपूर्ति समिति (वीडब्ल्यूएससी) के सदस्यों, उपयोगकर्ताओं आमजनों को पानी की मात्रा और गुणवत्ता के बारे में वास्तविक समय में जानकारी मिलेगी। यह सेंसर के माध्यम से पानी के फलो, प्रेशर लेवल, क्लोराईन एनालाईजर के साथ साथ ग्राउड वाटर लेवल को भी ऑबजरव करेगा। इससे खराब पानी की आपूर्ति को रोकने में मदद मिलेगी तथा इससे रिसाव का पता भी आसानी से लगाया जा सकेगा। यह ह्यशह्वह्म्ष्द्ग स्रद्ग1द्गद्यशश्चद्वद्गठ्ठह्ल ड्डठ्ठस्र ड्डह्वद्दद्वद्गठ्ठह्लड्डह्लद्बशठ्ठ श्चद्यड्डठ्ठ के लिए वीडब्ल्यूएससी को बहुमूल्य जानकारी प्रदान कर सकता है।
इस पायलट प्रोजेक्ट की सफ लता ने अन्य राज्यों को भी इस तकनीक को सक्रिय रूप से अपनाने के लिए प्रेरित किया है। गुजरात, बिहार, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश राज्यों ने इस संबंध में टैन्डर मंगवाएं हैं और अन्य राज्य भी इस प्रक्रिया को शुरू करने की स्थिति में हैं।
राज्यमंत्री ने सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार के लिए टेक्निकल के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि इस क्वारंन्टाईन प्रोटोकोल और सोशल आईसोलेश्र के समय में टेक्निोलाजी के सहारे ही लोगों से जुड़ा जा सकता है और महत्वपूर्ण कार्यों को डिजीटल प्लेटफार्म के माध्यम से पूरा किया जा सकता है।