हमीरपुर / 23 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत /
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने के लिए बनाए गए पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट-1994 के तहत गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में समिति के सरकारी और गैर सरकारी सदस्यों ने भाग लिया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिला में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट-1994 की अक्षरशः अनुपालना के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं तथा सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा है।
डॉ. प्रवीण कुमार चौधरी ने बताया कि जिला में अभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 26 अल्ट्रासाउंड मशीनें पंजीकृत हैं। इन सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर फलेक्स एवं बोर्ड के माध्यम से यह प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है कि इन केंद्रों पर भू्रण का लिंग परीक्षण नहीं किया जाता है। इसके अलावा जिला स्तरीय सलाहकार समिति के सभी सरकारी और गैर सरकारी सदस्यों के मोबाइल नंबर भी प्रदर्शित किए गए हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के इन प्रयासों से जिला में हाल ही के वर्षों में कन्या भ्रूण हत्या का कोई भी संदिग्ध मामला सामने नहीं आया है और जिला के लिंगानुपात में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है।
जिला में तीन निजी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड मशीनें स्थापित करने या पुरानी मशीन की जगह नई मशीन स्थापित करने के आवेदनों पर भी बैठक में चर्चा की गई। इनके अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय जगोता ने विभिन्न मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। समिति के अन्य सदस्यों डॉ. अनिल कुमार, डॉ. इशिता ठाकुर, गैर सरकारी सदस्यों मदन लाल कौंडल, कपिल कुमार सिंह और सुषमा शर्मा ने भी कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे।