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आपदा प्रबंधन कार्य योजना की व्यावहारिकता को परखें विभाग: एडीएम

धर्मशाला / 19 जून / न्यू सुपर भारत

आपदा प्रबंधन के लिए विभागों को पूर्व निर्धारित योजनाएं बनाकर उनकी उनकी व्यावहारिकता को निरंतर जांचना चाहिए। मॉक अभ्यास के दौरान इन योजनाओं को परखते हुए, कमियों में सुधार और जरूरी बदलाव करने चाहिए। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वादान में आयोजित तीन दिवसीय रीजनल प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी रोहित राठौर ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि धर्मशाला में 19 जून से 21 जून तक आयोजित इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में प्रदेश के छः जिलों कांगड़ा, चम्बा, हमीरपुर, उना, मण्डी और कुल्लू के लगभग 60 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इसमें लोक निर्माण, वन, स्वास्थ्य, जल शक्ति, राजस्व और संबंधित विभागों के अधिकारी-कर्मचारी आपदा के दौरान बेहतर प्रतिक्रिया के लिए कार्ययोजना पर प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त करने आए कर्मचारियों को कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए कार्ययोजना के साथ विभागों का बेहतर आपसी समन्वय भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान सभी विभागों को अपनी भूमिका को ध्यान में रखते हुए अन्य विभागों से बेहतर तालमेल के साथ कार्य करना चाहिए।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान से सुषमा गुलेरिया और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से हरकंचन सिंह तथा भानु शर्मा रिसोर्स पर्सन के रूप में ट्रेनिंग देंगे। आज प्रशिक्षण के पहले दिन सुषमा गुलेरिया ने प्रतिभागियों को देश-विदेश के वास्तविक उदाहरण देते हुए आपदा प्रबंधन के मूल सिद्धांतों को समझाया।

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