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वन विभाग मंत्री 30 सितंबर को कुटलैहड़ के एक दिबसीय दौरे पर, तीन उद्घाटन और दो कंरेंगे शिलान्यास, कैबिनेट मन्त्री वीरेंद्र कँवर रहेंगे मौजूद।


जोल / 28 सितम्बर / (अशवनी)


 राज्य सरकार में वन विभाग कैबिनेट मंत्री राकेश पठानियाँ कल कुटलैहड़ के एक दिवसीय दौरे पर आ रहे है। कुटलैहड़ भाजपा मंडल के प्रवक्ता कृष्ण पाल शर्मा ने बताया कि बन मन्त्री राकेश पठानियाँ 30 सितंबर को कुटलैहड़ के एक दिवसीय दौरे पर आ रहे है। शर्मा ने कहा कि बन मन्त्री राकेश पठानियाँ कुटलैहड़ में तीन उद्घाटन और दो शिलान्यास कंरेंगे। और कुटलैहड़ भाजपा के स्तम्भ और राज्य सरकार में ग्रामीण विकास पंचायती राज कृषि मत्स्य एबम पशुपालन मन्त्री वीरेंद्र कँवर उनके साथ रहेंगे।

उन्होंने कहा कि बन मंत्री राकेश पठानियाँ 30 सितंबर बुधवार को सुबह 10 बजे घरबासडा में जलाशय का उद्घाटन करने के बाद घरबासडा के ही 70 लाख से बनने बाले रेस्ट हाउस का शिलान्यास भी करेंगे। बहीं ग्यारह बजे बन मन्त्री राकेश पठानियाँ कुटलैहड़ के चौगाठ में बने जलाशय का उद्घाटन करेंगे। और बाद में रामगढ़ धार के खुरवाई में बने बन पर्यवेशिक अधिकारी कार्यलय एबम आवास का उद्घाटन करेंगे। और एक बजे 20 लाख से बनने बाले बंगाणा मुख्यालय पर स्थित बन पर्यवेशिक अधिकारी कार्यलय एबम रेस्ट हॉउस का नीब पत्थर रखेंगे। शर्मा ने कहा कि उसके बाद बन मन्त्री राकेश पठानियाँ बंगाणा मुख्यालय पर 50 लाख से बन रहे ईको पार्क का निरीक्षक भी करेंगे। उन्होंने कहा कि बन मन्त्री फारेस्ट अधिकारियों से सीधा संपर्क करके कुटलैहड़ में बन बिभाग में चले रहे विकासात्मक कार्यो के बारे में जानकारी भी लेंगे।

उन्होंने कहा कि कुटलैहड़ में कैबिनेट मन्त्री वीरेंद्र कँवर की अध्यक्षता में करोड़ो के विकास कार्य प्रगति पर चले हुए है। और कई ऐसे कार्य एबम बड़ी योजनाए भी है। जो जनता को समर्पित की जा चुकी है। और कुटलैहड़ में विकास को पंख लग रहे है। बहीं फारेस्ट बिभाग के वन पर्यवेशिक अधिकारी संदीप सेठी की अध्यक्षता में कुटलैहड़ बुलंदियों पर पहुंच रहा है। और जिस प्रकार बन सम्पदा बन समर्धन योजना के तहत जसाना के लखरूह में 6 हजार पौधन रोपण करके राज्य नहीं अपितु राष्ट्रीय स्तर पर कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र की पहचान हुई है। तो दूसरी तरफ अब कैबिनेट मन्त्री वीरेंद्र कँवर के दिशा निर्देशों अनुसार खण्ड बिकास अधिकारी के साथ मिलकर पंचबटी योजना के तहत कुटलैहड़ को पर्यटक की दृष्टि से बिकसित करने का बीड़ा उठाया है। और धरातल पर कार्य भी युद्ध स्तर पर चला हुआ है।

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