ऊना / 31 जुलाई / न्यू सुपर भारत
बरसात के मौसम में सांप के काटने के मामले बढ़ने की आशंका रहती है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल अस्पतालों व क्षेत्रीय अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध करवा दिया है। यह जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रमण कुमार शर्मा ने आज दी। उन्होंने कहा कि सांप के काटने से घाव हो जाता है और कई बार पीड़ित की मृत्यु भी हो जाती है। सांप के काटने के उपचार में जरूरी है कि पीड़ित व्यक्ति को आपातकालीन चिकित्सा सहायता जल्द से जल्द प्रदान की जाए।
पीड़ित को लक्षण देखने के बाद एंटी स्नेक वेनम दिया जाता है। इसलिए अगर सर्पदंश को कोई भी मामला सामने आता है, तो बिना समय गंवाए उसे नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की झाड़-फूंक में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। वर्ष 2020 में 47 व्यक्तियों को सांप ने काटा, जिनमें 31 पुरुष व 16 महिलाएं शामिल हैं।
गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई।क्या हैं लक्षणसीएमओ ने कहा कि आम तौर पर सांप के काटने का तुरंत पता चल जाता है। सांप के काटने के बाद तीव्र जलन, उल्टी, मिचली, शॉक, अकड़न या कंपकंपी, अंगघात, पलकों का गिरना, नज़र फटना यानी किसी वस्तु का एक स्थान पर दो दिखना, मांसपेशियों में ऐंठन, काटे गए हिस्से में तेज़ दर्द, हाथ पैरों में झनझनाहट, चक्कर आना, पसीना आना तथा दम दम घुटना आदि लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश सांप विषहीन होते हैं लेकिन कुछ सांप विषैले भी होते हैं।
कैसे करें बचावडॉ. रमण शर्मा ने कहा कि सांप के काटने को रोका जा सकता है, बशर्ते हम कुछ सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि सांप को पकड़ने से हमेशा बचना चाहिए। उन स्थानों से हमेशा दूर रहें जहां सांप के छिपे होने की आशंका होती है, जैसे कि लंबी घास, पत्तियों के ढेर, चट्टान और लकड़ी के गट्ठे इत्यादि। यदि सांप दिखाई दे तो उसे छेड़ें नहीं बल्कि जाने दें। जहां सांप होने की आशंका हो, वहां काम करते हुए लंबे और मजबूत जूते पहनें और बाजूओं-टांगों को ढककर रखें। गर्म मौसम में रात को बाहर काम करने से बचें क्योंकि इस समय सांप सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं।