राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान सभी का नैतिक दायित्व : डीसी कैप्टन शक्ति सिंह
झज्जर / 18 मार्च / न्यू सुपर भारत
आजादी के अमृत महोत्सव में जिला वासियों ने पूरे उमंग व उत्साह के साथ हर घर तिरंगा अभियान चलाया। डी सी कैप्टन शक्ति ने कहा कि गत वर्ष अगस्त माह मेंं शुरू हुए हर घर तिरंगा अभियान के तहत ध्वज फहराए गए । अब देखने में आया है कि कुछ स्थानों पर फटे-कटे व रंग उड़े हुए राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया है कि फटे-कटे व रंग उड़े हुए राष्ट्रीय ध्वज के स्थान पर नया राष्ट्रीय ध्वज फहराएं । फटे-कटे व रंग हुए राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान के साथ निस्तारण करना होता है। अगर कोई व्यक्ति नियमानुसार राष्ट्रीय ध्वज निस्तारण नहीं करने में सक्षम नहीं है तो उक्त ध्वज को अपने नजदीक के एसडीएम,तहसीलदार और बीडीपीओ कार्यालय में जमा करवा देंं।
इन बातों का ख्याल रखा जाना जरूरी
डीसी ने कहा कि तिरंगा कभी भी फटा या मैला-कुचैला नहीं फहराया जाना चाहिए। हालांकि, अशोक चक्र का कोई माप तय नहीं है। सिर्फ इसमें 24 तीलियों का होना जरूरी है। झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है। तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म(वर्दी) में इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता। किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए।
किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं रख या लगा सकते। साल 2002 से पहले राष्ट्रीय ध्वज को आम लोग सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ही फहरा सकते थे लेकिन साल 2002 में इंडियन फ्लैग कोड में बदलाव किया गया जिसके तहत कोई भी नागरिक किसी भी दिन झंडे को फहरा सकता है। झंडा अगर फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए। नियमों के मुताबिक, झंडे का आकार आयताकार(रेक्टेंगुलर) होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए।
ऐसे करें राष्ट्रीय ध्वज का निस्तारण
डी सी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के पैरा 2.2 के नियम के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज के डैमेज होने के बाद उसे निस्तारण करने के दो तरीके हैं – दफनाना या जलाना। इन दोनों में से किसी भी प्रक्रिया को चुनते समय सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है। डैमेज हुए झंडे को दफनाने के लिए सभी डैमेज हुए झंडों की तह बनाकर लकड़ी के बॉक्स में रखा जाता है। फिर उसे सुरक्षित स्थान पर जमीन में दफनाया जाता है। ऐसा करते वक्त शांतिपूर्ण माहौल होना चाहिए। दूसरा तरीका जलाने का है। झंडे को जलाने के लिए सुरक्षित जगह चुनें, झंडे को ढंग से तह करें और उसे ध्यान से आग पर रख दें। झंडे को फेंके नहीं, कूड़ेदान में भी नहीं डालें।
घर पर लगे झंडे को तह बनाकर घर में रखें
डी सी ने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान के तहत लोगों ने अपने घरों में झंडे लगाए हैं। ऐसे में लोग सम्मान के साथ इन तिरंगों को साफ करके प्रेस करके घर के अंदर उन्हें संभालकर रख सकते हैं। इन झंडों का उपयोग अगले साल या राष्ट्रीय पर्व के लिए किया जा सकता है।
राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर जेल का प्रावधान
राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 और भारतीय झंडा संहिता, 2021 के तहत कार्रवाई हो सकती है। कोई व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते, इसे जलाते, दूषित करते, कुचलते या नियम के खिलाफ ध्वजारोहण करते हुए पाया जाता है तो उसे तीन साल की जेल या जुर्माना, या दोनों दंड के रूप में मिल सकते हैं।