स्वामी ओमानंद जी ने जीवन पर्यन्त गुरुकुल को दी नई दिशा : कंवरपाल
झज्जर / 23 मार्च / न्यू सुपर भारत
जिला मुख्यालय के साथ लगते गुरुकुल महाविद्यालय में गुरूवार को स्वामी ओमानन्द सरस्वती के 21 वें स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हरियाणा के शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल ने भाग लेकर स्वामी ओमानंद जी को नमन किया।इस अवसर पर शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल ने कहा कि स्वामी ओमानंद ने अपने जीवन पर्यंत झज्जर गुरुकुल को नई दिशा देने काम किया है,जिनसे युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वामी ओमानंद जी ने प्राचीन ऐतिहासिक कलाकृतियों जैसे दुर्लभ सिक्के, टेराकोटा, प्राचीन मूर्तियों, पांडुलिपियों आदि को एकत्रित करने के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि संग्रहालय से वर्तमान और भावी पीढिय़ों के लिए अपनी विरासत को प्रदर्शित करने का बेहतरीन प्लेटफार्म मिलेगा।
देश की आजादी में आर्यसमाज का विशेष योगदान
उन्होंने कहा कि देश की आजादी में आर्य समाज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता,जिस समय स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की शुरुआत की थी,उस समय अंधविश्वास का बोलबाला था,जिसमें सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए स्वामी जी ने देश को नई दिशा देने का काम किया।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि हमारे संस्कार और अंग्रेजी संस्कारों में काफी अंतर है,देश में संस्कार आधारित शिक्षा को बढावा देने की दिशा में सरकार सार्थक कदम बढ़ा रही है,दूनियाभर में केवल संस्कृत भाषा ही संपूर्ण भाषा है। सभी गुरुकुल मिलकर आपसी समन्वय स्थापित करते हुए आगे बढ़ते हुए गुरूकुलों के विकास में महती भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि गौ रक्षा और योग के प्रचार -प्रसार में गुरूकुलों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। युवाओं के चरित्र निर्माण में भी गुरुकुल अपना सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि गुरुकुल झज्जर पुरातत्व संग्रहालय प्रदेश के लिए गौरव का स्थान है। यह हरियाणा का सबसे बड़ा संग्रहालय है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से प्राचीन वस्तुओं को एकत्र करने में स्वामी ओमानंद सरस्वती की प्रतिबद्धता और प्रयासों से यह संग्रहालय 1959 में अस्तित्व में आया था। आज संग्रहालय में दुर्लभ सिक्कों, मूर्तियां, पांडुलिपियां आदि का अनूठा और अतुलनीय संग्रह है। प्रदेश सरकार ने इस राष्ट्रीय धरोहर को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित करने और इस अद्वितीय विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक अच्छी पहल की है। उन्होंने गुरुकुल के आचार्य विजयपाल द्वारा रखी गई मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया और गुरुकुल के विकास के लिए 11 लाख रुपए देने की घोषणा भी की।
कार्यक्रम में इन गणमान्य व्यक्तियों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर गुरुकुल के आचार्य विजय पाल,आचार्य बलवीर सिंह,डा सुुरेंद्र ङ्क्षसह,प्रधान गुरूकुल झज्जर रामवीर शास्त्री,राजबीर छिकारा,कृष्ण शास्त्री,समाजसेवी डीपी कौशिक,स्वामी संपूर्णानंद,आचार्य प्रदूमन,महाबीर सिंह,आचार्य हरीदत्त,सुशील शास्त्री,भाजपा जिला महासचिव अनिल शर्मा मातनहेल,जोगेंद्र सिलानी,हरीप्रकाश यादव,इंद्र ङ्क्षसह,आचार्य शतक्रतु,अरविंद गार्गी,वीरेंद्र यादव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।