पर्यावरण संरक्षण के साथ ही हरियाली को बढ़ावा देना हर ग्रामीण की जिम्मेदारी : डा सुुभीता

झज्जर / 01 अगस्त / न्यू सुपर भारत
आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में डीसी कैप्टन शक्ति सिंह के मार्गदर्शन में मंगलवार से स्वच्छ हरित पंचायत अभियान का विधिवत आगाज हो गया। मंगलवार की सुबह जिला परिषद की सीईओ डा सुभीता ढाका ने झज्जर खंड के गांंव कलोई में ग्रामीणों और स्वयं सहायता समुहों की महिलाओं की उपस्थिति मेंं पौधारोपण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके उपरांत सीईओ ने मातनहेल और रूडिय़ावास गांवों में भी पौधारोपण करते हुए ग्रामीणों को अधिकाधिक संख्या में पौधे लगाने का आह्वान किया। स्वच्छ हरित अभियान के अंतर्गत ग्राम सभा की बैठकों का भी आयोजन किया।
इस अवसर पर जिला परिषद की सीईओ डा सुभीता ढाका ने कहा कि सरकार और प्रशासन पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के प्रति पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने कहा कि एक पेड़ विश्वास का सरीखे कार्यक्रम वन क्षेत्र को बढावा देेने में मददगार साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्रामीण को पर्यावरण संरक्षण के साथ -साथ हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अधिक से अधिक पौधे लगाने और उनकी देखभाल का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इससे निपटने का पौधरोपण ही एक मात्र प्राकृतिक तरीका है।
सीईओ डा ढाका ने कहा कि पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल करना भी उतना ही जरूरी है। एक पौधा वृक्ष बनकर बहुमूल्य ऑक्सीजन नि:शुल्क प्रदान करता है। इसलिए वृक्षों की महत्ता को कभी कम नहीं आंकना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण और बढ़ते तापमान को देखते हुए हमारे इर्द-गिर्द हरियाली का होना बहुत जरूरी है।उन्होंने ग्रामीणों को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के अंतर्गत दो अगस्त को प्लास्टिक मुक्त पंचायत बनाने के लिए गांवों में प्लास्टिक एकत्रित करने के लिए श्रमदान अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 3 अगस्त को विज्युल क्लीननेस ड्राइव का आयोजन होगा, जिसके तहत ग्राम पंचायतों को स्वच्छ बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 4 अगस्त को गांवों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के सहयोग से आमजन के घर पर पहले से बने सिंगल पिट शौचालयों को दो गड्ढों के शौचालयों में बदलने के लिए जागरूकता गतिविधियों का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को समझाया जाए कि एक गड्ढे वाले शौचालयों की गहराई अधिक होने के कारण उसके आस पास के भू- जल की स्वच्छता को खतरा रहता है जबकि दो गड्ढे वाले शौचालयों की विधि से धरती के भू- जल की स्वच्छता बरकरार रहती है। जागरूकता कार्यक्रमों में आमजन को दो गढ़े वाले शौचालय के निर्माण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
स्वच्छ और हरित गांव थीम पर आधारित होंगी पेंटिंग और स्लोगन प्रतियोगिताएं
उन्होंने बताया कि पांच अगस्त को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के सहयोग से स्वच्छ और हरित गांव थीम पर आधारित पेंटिंग, स्लोगन प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा, जिसमें आंगनवाड़ी और स्कूलों में सामुदायिक शौचालयों की सफाई के प्रति भी जागरूकता गतिविधियां की जाएंगी। छह अगस्त को गांवों में तालाब और जल घरों में सफाई अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छ जल के उपयोग के प्रेरित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अभियान के अंतिम दिन सात अगस्त को सभी गांवों में एक पेड़ विश्वास का थीम पर आधारित कार्यक्रम में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करते हुए ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाएगा।इस अवसर पर झज्जर खंड के बीडीपीओ युद्धबीर सिंह,मातनहेल के बीडीपीओ राजाराम, एबीपीओ सुनील कुमार सहित संबंधित विभागों के अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।