झज्जर / 07 जुलाई / न्यू सुपर भारत
डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार से जोडऩे बेहद मददगार साबित होती जा रही है। डीसी ने कहा कि अधिकारी जरूरतमंदों का रोजगार शुरू करवाकर एक तरह का पुण्य का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी अमृत महोत्सव के दौरान विभिन्न योजनाओ के तहत व्यक्तिगत तौर पर पुरुष, महिला, किसान उत्पादन संगठन, स्वयं सहायता समूह व सहकारी समिति ऋण योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
विभागीय अधिकारी करें युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित
डीसी ने कहा कि पशुपालन, कृषि, बागवानी व स्वयं सहायता समूहों का सीधा जुड़ाव स्वरोजगार की योजनाओं से है। इसलिए इन विभागों में आने वाले बेरोजगार युवाओं को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना के स्वरोजगार शुरू करने के लिए प्रेरित करें। योजना के तहत ग्रेजवेट युवाओं को डिस्ट्रिक रिसोर्स पर्सन रखें जो युवाओं को प्रेरित करें।
35 प्रतिशत अनुदान पर एक करोड़ रूपये तक लोन का प्रावधान
डीसी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह को मशीन की खरीद के लिए प्रत्येक सदस्य के हिसाब से 40 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए 35 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक करोड़ रुपए तक का ऋण दिया जाता है, जिसमें 35 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इससे संबंधित जानकारी के लिए एमएसएमई सेंटर से संपर्क किया जा सकता है।
आय के लिए ये कार्य शुरू किए जा सकते हैं
युवाओं द्वारा खाद्ïय प्रसंस्करण उद्योग जैसे बेकरी, आटा मिल, सरसों तेल मिल, मसाला पीसने की पसीन लगाना, खाद्ïय सामग्री को पैकिंग करने की मशीन लगाना, मिठाई, जूस, पेठा, पापड़, फ्रूट, जैम, शहद, मशरूम, बिस्किट, केक, पिज़्ज़ा, टमाटर सॉस, चिप्स, नमकीन, गजक, गुड़, आचार व मखाना आदि से संबंधित खाद्य पदार्थ को बनाने व उत्पादन की यूनिट लगाई जा सकती है।