झज्जर / 13 जून / न्यू सुपर भारत
डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में 21 जून को मनाए जाने वाले नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों को लेकर प्रतिदिन एक योगासन के साथ ही आमजन को प्रेरित किया जा रहा है। जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ हितेश शर्मा ने उष्ट्रासन की जानकारी देते हुए बताया कि इस आसन के अभ्यास की अवस्था में शारीरिक स्थिति ऊंट के समान हो जाती है। इसलिए इस आसन का नाम उष्ट्रासन हे। उष्ट्रासन दृष्टि दोष मे अत्यंत लाभदायक है। यह पीठ ओर गले के दर्द से आराम दिलाता है।
साथ ही पाचन क्रिया संबंधी समस्याओं के लिए यह अत्यंत लाभदायक है। उन्होंने अभ्यास विधि का उल्लेख करते हुए बताया कि इस आसन का अभ्यास करते समय घुटनों को जमीन पर टिकाते हुए अपने दोनों पैरों के जांघ ओर पंजों को बाहर की तरफ रखते हुए जमीन पर फैलाना चाहिए। घुटनों और पंजों के बीच एक फुट की दूरी रखते हुए घुटनों के बल खड़े हो जाए श्वास लेते हुए पीछे की ओर झुकें। उन्होंने बताया कि योग साधक इस बात का ध्यान रखें की पीछे झुकते समय गर्दन को झटका न लगे।
पीछे की ओर झुकें और धीरे-धीरे दाहिने हाथ से दाहिने एडी और बाएँ हाथ से बाईं एडी को पकड़ने का प्रयास करें। इस आसन का अभ्यास सर्वांगासन के बाद करना चाहिए। डीएओ ने स्पष्ट किया कि उच्च रक्तचाप, हृदय रोगी, हर्निया के मरीजों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
डी सी ने कहा कि योग भगाए रोग। भारतीय योग पद्धति प्राचीन व प्रामाणिक है। हजारोंं वर्षों से हमारे ऋषि मुनियों की तपस्या और साधना से भारतीय योग पद्धति को प्रमाणिक माना गया है। विश्व भर मेंं भारतीय योग पद्धति लोकप्रिय हो रही है। जिलाभर में विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में योग शिविर व जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैंं। इन योग शिविरों में ज्यादा से ज्यादा जिलावासियों को भागीदार बनना चाहिए ।