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सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार वर्ष 2021 के लिये आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितम्बर: उपायुक्त

जितेंद्र कुमार, उपायुक्त झज्जर

झज्जर, 31 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़। 

केन्द्र  सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिए स्थापित वार्षिक पुरस्कार ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कारÓ  वर्ष 2021 के लिये आवेदन 30 सितम्बर 2020 तक आमंत्रित किये हैं।

ऑनलाइन आवेदन विभाग की वैबसाईट डीएमएवार्ड.एनडीएमए.जीओवी.ईन पर कर सकते है।  उपायुक्त जितेंद्र कुमार ने बताया कि विभिन्न आपदाएं हमारे जीवन, आजीविका और संपत्ति को प्रभावित करती हैं। उन्होंने बताया कि आपदाओं से  देश में करुणा और निस्वार्थ सेवा की भावना जागृत होती है। आपदा के बाद, हमारे समाज के विभिन्न वर्ग एक साथ आते हैं और प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने की दिशा में काम करते हैं। ऐसे व्यक्तियों और संगठनों के प्रयासों को पहचानने की आवश्यकता है जो आपदाओं में मानव पीड़ा को कम करने के लिए निष्ठापूर्वक काम कर रहे हैं। सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिए एक वार्षिक पुरस्कार की स्थापना की है, जिसे सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार के नाम से जाना जाता है।

उपायुक्त ने बताया कि सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के तहत विजेता संस्था को प्रमाण-पत्र सहित 51 लाख रुपए तथा विजेता व्यक्ति को प्रमाण-पत्र सहित 5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार के लिए केवल भारतीय नागरिक और भारतीय संस्थान ही आवेदन कर सकते हैं। संस्थागत पुरस्कारों के लिए, स्वैच्छिक संगठन, कॉर्पोरेट संस्थाएं, शैक्षणिक / अनुसंधान संस्थान या कोई अन्य संस्थान आवेदन कर सकते हैं। पुरस्कार हेतू कुछ मानदंड तय किए गए हैं, जिसमें आवेदक ने भारत में आपदा प्रबंधन, रोकथाम, शमन, बचाव, प्रतिक्रिया, राहत, पुनर्वास, अनुसंधान, नवाचार या प्रारंभिक चेतावनी संबंधित कार्य जैसे क्षेत्र में काम किया हो। इसके अलावा मानव जीवन को बचाना, पशुधन, आजीविका, संपत्ति, समाज, अर्थव्यवस्था या पर्यावरण पर आपदाओं के प्रभाव में कमी, आपदाओं के दौरान प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए संसाधनों का जुटाव और प्रावधान, आपदा प्रभावित क्षेत्रों और समुदायों में तत्काल राहत कार्य, आपदा प्रबंधन के किसी भी क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का प्रभावी और अभिनव उपयोग, खतरनाक क्षेत्रों में आपदा न्यूनीकरण पहल, जोखिम में कमी के लिए समुदायों की क्षमता का निर्माण, वास्तविक समय के आधार पर लोगों को आपदा जोखिम सूचना की प्रारंभिक चेतावनी और प्रसार, आपदा प्रबंधन के किसी भी क्षेत्र में वैज्ञानिक / तकनीकी अनुसंधान और नवाचार, आपदा के बाद की वसूली और पुनर्वास, आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे और बुनियादी सेवाओं का निरंतर कार्य करना, तैयारी और जोखिम में कमी के लिए जनता के बीच जागरुकता पैदा करना, आपदा जोखिम प्रबंधन से संबंधित कोई अन्य क्षेत्र शामिल हैं।

कैप्शन: श्री जितेंद्र कुमार, उपायुक्त झज्जर। 

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