एसडीएम ने गांव तलवाड़ा में बैलर व हेरक से गांठ बनाने के कार्य का किया निरीक्षण ***किसानों से पराली को आग न लगाने की अपील करते हुए इसके प्रबंधन करने पर दिया जोर
जाखल, 10 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़।
उपमंडलाधीश नवीन कुमार ने गांव तलवाड़ा (जाखल) के किसान गुरजीत सिंह पुत्र नथा सिंह द्वारा आधुनिक मशीनों द्वारा धान की फसल के अवशेष की बैलर व हेरक से गांठ बनाने के कार्य का निरीक्षण किया। किसान गुरजीत सिंह ने अपनी 5.5 एकड़ जमीन पर बैलर व हेरक की सहायता से धान की फसल के अवशेषों को जलाने की बजाय उनकी गांठ बनाकर खेत से हटाया।
इस मौके पर एसडीएम नवीन कुमार ने बताया कि बैलर की मदद से धान की फसल के अवशेष की गांठ बनाकर किसान इन्हें बेचकर आय कमा सकते हैं। उन्होंने क्षेत्र के किसानों से अपील की है कि वे धान कटाई के बाद फसल अवशेष को आग ना लगाएं। खेतों में फसल अवशेष जलाने से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है, बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। मिट्टी में नमी कम हो जाने से जमीन के बंजर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा फसल अवशेष को जलाने से विभिन्न प्रकार के लाभदायक सूक्ष्मजीव और मित्र कीट आदि होते हैं, आग में भस्म हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों को आसान दर पर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) खोले हैं, ताकि यहां से किसान कम दरों पर यंत्र ले सकें। इनके साथ-साथ व्यक्तिगत स्तर पर किसानों को यंत्र अनुदान पर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि वऊसली अवशेषों को जलाने पर रोक लगाने की दिशा में माननीय उच्चतम न्यायालय तथा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा कड़े प्रावधान किए गए हैं। इस संबंध में हरसेक द्वारा सेटेलाइट से तथा जिला प्रशासन द्वारा गठित विभिन्न कमेटियां निगरानी कर रही है। इस अवसर पर नायब तहसीदार रामचन्द्र जाखल, उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. अजय ढिल्लो, एसडीओ पंचायती राज भूपेन्द्र सिंह, एटीएम अमृतपाल सिंह व अन्य किसान मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन: गांव तलवाड़ा में किसान गुरजीत सिंह द्वारा धान की फसल के अवशेषों की बैलर व हेरक से बनाई गई गांठों का निरीक्षण करते उपमंडलाधीश नवीन कुमार।