जेल अधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया निर्देश कि वे एक-दूसरे के साथ करें तालमेल
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अम्बाला / 13 फ़रवरी / न्यू सुपर भारत
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1 फरवरी को माननीय हाई पावर्ड कमेटी की 12 वीं बैठक माननीय न्यायमूर्ति राजन गुप्ता, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में 2,580 दोषियों जिन्हें हाई पावर्ड कमेटी के आदेशों के तहत रिहा किया गया था, के पुन: प्रवेश की अनुमति हेतू आयोजित की गई। इस बैठक में राजीव अरोड़ा आईएएस, हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, के0 सेल्वराज, आईपीएस (सेवानिवृत्त), जेल महानिदेशक, हरियाणा और प्रमोद गोयल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने भाग लिया।
हाई पावर्ड कमेटी का गठन राज्य स्तर पर माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के तहत 23 मार्च को Suo Motu Writ Petition (Civil) No.1/2020-In RE: Contagion of COVID-19 में जेल से पैरोल/अंतरिम जमानत पर दोषियों/विचाराधीन कैदियों की रिहाई के लिए किया गया था।
उक्त समिति बनने के बाद से, यह समिति जेलों के अंदर कोरोना संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए दोषियों/विचाराधीन कैदियों की पैरोल/जमानत प्रदान अथवा बढ़ा रही है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए, इस समिति ने 09 चरणों में हाई पावर्ड कमेटी की सिफ ारिशों के तहत पैरोल पर रिहा किए गए दोषियों का फि र से प्रवेश शुरू करने का फैसला किया है। जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि दोषियों का फि र से उच्चाधिकार समिति द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार पुन: प्रवेश सुनिश्चित करें और यह भी सुनिश्चित करें कि दोषियों का पुन: प्रवेश उनके कारावास की अवधि के आधार पर 23 फरवरी 2021 से हो।
जेल अधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे एक-दूसरे के साथ तालमेल करें और 2,580 दोषियों के प्रवेश के समय सख्त परीक्षण और प्रोटोकॉल का पालन करें। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जिन कैदियों को एक फरवरी 2021 को पैरोल/फ र्लो पर रिहा किया गया था, वे सक्षम प्राधिकारियों द्वारा उन्हें दी गई पैरोल/ फ र्लो की अवधि समाप्त होने पर आत्मसमर्पण करेंगे।
कोविड-19 संक्रमण के कारण, कैदियों को उनके परिवार के सदस्यों के साथ मिलने/बैठक को निलंबित कर दिया गया था, अब हाई पावर्ड कमेटी ने कैदियों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक फि र से मुलाकात शुरू करने की अनुमति दी है। विचाराधीन कैदियों और दोषियों को भी हर शनिवार को अपने वकीलों से मिलने की अनुमति दी गई है। एक महीने में दो बार अपने परिवार के सदस्यों के साथ विचाराधीन कैदी मिलेंगे, जबकि दोषियों को महीने में एक बार मिलने की अनुमति होगी। जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे मिलने के दौरान संक्रमण से बचने के लिए सभी एहतियाती सुरक्षा उपाय करें जैसे की मास्क पहनना, हाथों की सफ ाई, सामाजिक दूरी आदि।
इसके अलावा इस समिति ने जेल अधिकारियों को सुरक्षा के आधार पर या कोविड-19 मुद्दों के मद्देनजर एक जेल से दूसरे जेल में कैदियों के स्थानांतरण करने की अनुमति दी है।
दोषियों/विचाराधीन कैदियों को पैरोल/जमानत पर छोडऩे की वजह से जेलों में आवश्यक जगह बन पायी, जिसके फ लस्वरूप जेल प्राधिकरण कोविड-19 महामारी पर अच्छी तरह से नियंत्रण कर पाये। हरियाणा की जेलों में हाई पॉवर्ड कमेटी के आदेशों के तहत सुझाए और लागू किए गए दिशा-निर्देशों के कारण कोविड-19 संक्रमण के कोई बड़े मामले सामने नहीं आए