-उमंग जगन्नाथ बाल आश्रम में बच्चों की कैरियर काऊंसलिंग पर रहेगा फोकस- एडीसी जगनिवास ने दी जानकारी
झज्जर / 2 अप्रैल / न्यू सुपर भारत
झज्जर जिला में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ राष्टï्रीय कार्यक्रम के तहत लिंगानुपात सुधार की दिशा में कार्य किया जा रहा है। एडीसी जगनिवास ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संदर्भ में निर्णय लिया गया है कि धापा ताई 25 गांवों के स्थान पर कम लिंग अनुपात वालों 50 गांवों में अब कार्य करेंगी। गांव का चयन स्वास्थ्य विभाग की सलाह से ही होगा।
एडीसी जगनिवास ने डीटीएफ की बैठक में कहा कि आफ्टर केयर मॉडल के तहत उमंग जगन्नाथ बाल आश्रम जिसमें सभी बच्चों की कैरियर काऊंसलिंग के माध्यम से उनकी जनन स्वास्थ्य एवं पोषाहार की जानकारी दी जाएगी ताकि भविष्य में होने वाली किसी भी बिमारी से उनका बचाव हो सके। उन्होंने बताया कि सीएसआर द्वारा डीसी जितेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में जगन्नाथ बाल आश्रम को एक मॉडल सीसीआई के रूप में उसका नवीनीकरण किया जाएगा ताकि सभी प्रकार की सुविधाएं अनाथ बच्चों को एक जगह पर मिल सकें जैसे कि लाइब्रेरी, क्लास रूम, रिक्रिेएशन रूम, आऊटडॉर स्पोर्ट्स सुविधाएं देने का प्रावधान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से दूसरे तीमाही में होने वाले गर्भपात पर निगरानी रखी जाएगी ताकि लिंगानुपात में सुधार हो सके । एडीसी ने बताया कि जिला में 50 मॉडल प्ले स्कूल का चयन किया गया है जो स्कूल के प्रांगण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के द्वारा सभी सुविधाओं से सुसज्जित होंगे। एडीसी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग की सर्कल स्तर पर प्रत्येक माह की प्रथम तिथि को होने वाली सभा में संबंधित ए.एन.एम./आशा वर्कर का भाग लेना अनिवार्य होगा।
उन्होंंने कहा कि सभी गावों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के होर्डिंगस लगाए जाएंगे ताकि समाज के सभी लोगों के मन में बेटियों के बारे में सोच बदल सके। जन्म लेने वाली बच्ची के नाम पर नेम प्लेट व पौधा रोपण किया जाए। ग्राम स्तर पर सभी कुपोषित बच्चों की माताओं की कम लागत वाली पोषण से भरपूर रेसिपी का लाइव डेमोंस्ट्रेशन देने का निर्णय लिया गया। एडीसी ने कहा कि उत्कृष्टï प्रर्दशन करने वाली किशोरियों एवं महिलाओं को पिंक गैलरी में जगह दी जाएगी।
उन्होंने फलदार पौधे आयुष विभाग के सहयोग से सभी विद्यालयों एवं भवनों में रोपित करने के आदेश दिए। जीएमडी द्वारा सभी बच्चों एवं माताओं का पोषण स्तर जांचने का निर्णय भी बैठक में लिया गया। पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट आदेश दिए गए कि आने वाली सभी पीडि़त महिलाओं को वन स्टॉप सैन्टर झज्जर में भेजना अनिवार्य होगा। वन स्टॉप सैन्टर झज्जर में भविष्य में होने वाली सभी वर्कशॉप में पुलिस विभाग एवं एस.एच.जी. की भागीदारी भी होगी। एडीसी ने कहा कि पोक्सो के लिए हिफाजत कंपैन चलाया जाएगा जिसमें चाइल्ड राईट व चाइल्ड एब्यूज के बारे में जानकारी प्रदान की जाएं।