शिमला / 27 मार्च / न्यू सुपर भारत
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से आज राजभवन में भारतीय तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) के 42 परिवीक्षार्थियों ने भेंट की। उन्होंने राज्यपाल से बातचीत की और उनसे अपने प्रशिक्षण अनुभव सांझा किए।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि देश की सीमाआंे की सुरक्षा करने में आईटीबीपी की भूमिका सराहनीय है। उन्होंने परिवीक्षार्थियों से तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करने और मजबूत इच्छाशक्ति के साथ कार्य करने को कहा।
उन्होंने कहा कि वे सुरक्षा बल की पहचान है और समर्पण की भावना से कार्य करने पर ही सेवाओं की पहचान होती है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल के ध्येय शौर्य-दृढ़ता-कर्म-निष्ठा को हमेशा अपने ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आईटीबीपी न सिर्फ भारत-चीन सीमा बल्कि देश के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की भी सुरक्षा कर रही है।
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि आईटीबीपी हिमालय में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया करने वाला सुरक्षा बल है और इसने पहला क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केन्द्र स्थापित कर विभिन्न आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किए हैं। आईटीबीपी हिमालय में पर्यावरण और पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए सराहनीय कार्य कर रही है और हिमालय के आतंरिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वृक्षा रोपण किया है। यह बल देश के सीमा क्षेत्रों में भी वनस्पतियों और जीवजन्तुओं के संतुलन और संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है।
राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि परीक्षार्थी अपने सेवाकाल के दौरान अपना उत्कृष्ठ प्रदर्शन करेंगे।
इससे पूर्व, कमाण्डेंट डाॅ. दीपक कुमार पाण्डे ने राज्यपाल का स्वागत और उन्हें सम्मानित किया।
इस अवसर पर उप-कमाण्डेंट बिक्रम सिंह राणा और आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।