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नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य है तथा इसे धरातल पर पहुंचाने में शिक्षाविदों की भूमिका अहम रहेगी। – डाॅ. रामलाल मारकंडा

बिलासपुर / 30 दिसंबर / न्यू सुपर भारत

भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली तथा स्वामी विवेकानंद राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति चुनोतियाँ एवं संभावनाएं विषय पर दो दिवसीय सेमिनार के समापन अवसर पर तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डाॅ. रामलाल मारकंडा  ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। प्रदेशभर से  आये शिक्षाविदों को संबोधित करते हुएउन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति उच्च श्रेणी के कौशल को विकसित करने तथा समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी ।

पाठ्यक्रम में अकादमी के लचीलापन पर केंद्रित व रोजगार उन्मुखी बनाकर इंटर्नशिप के माध्यम से व्यवहारिकता पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है । आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार में अनेक विश्वविद्यालयों व कॉलेज के शिक्षाविदों ने शिक्षा नीति के सकारात्मक व नकारात्मक पहलुओं शिक्षा नीति मैं डिजिटल तकनीक के प्रयोग शिक्षा की गुणवत्ता आदि विभिन्न पहलुओं पर अपनी प्रस्तुतियां दी गई।उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य है तथा इसे धरातल पर पहुंचाने में  शिक्षाविदों की भूमिका अहम रहेगी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1986 के बाद 34 साल के बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। हर कॉलेज में ऐसे सेमिनार आयोजित करने की आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति को रोजगार से जोड़ा गया है जिससे छात्रों को क्षमता और योग्यता सम्वर्धन के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान होंगे। तथा नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषाओं से तथा प्रोत्साहन के द्वारा बच्चों में शिक्षा के प्रसार की संकल्पना की गई हैउन्होंने आशा प्रकट की कि नई शिक्षा नीति के इस सेमिनार से  सार्थक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने इस अवसर पर युवा पीढ़ी में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर दुख प्रकट किया तथा इसके प्रति भी अध्यापकों की जिम्मेवारी पर बल दिया।

उन्होंने कॉलेज प्रशासन को सेमिनार आयोजित करने पर बधाई दी।इस अवसर पर बोलते हुए डॉ मार्कंडेय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां पर अपनी ड्रोन पॉलिसी बनाई गई है जिसे सितंबर 2022 से लागू कर दिया जाएगा। नीति के अनुसार 3 महीने के प्रशिक्षण के द्वारा ड्रोन के पायलट को प्रशिक्षित किया जाएगा। ड्रोन के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों की निगरानी की जा सकेगी तथा समय की भी बचत होगी।

इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी युवा खेल एवं संस्कृति निदेशक डॉ परमानंद बंसल कार्यक्रम के संयोजक के नितिम चन्देल ने भी अपने विचार प्रकट किए।इस मौके पर प्रधानचार्य राम कृष्ण ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम में डॉ मनोज कुमार डॉ नीलम चंदेल प्रोफेसर सुरेश शर्मा डॉक्टर लेखराज शर्मा डॉक्टर दीपाली डॉ रजनी डॉक्टर चित्र रेखा ने भी अपने विचार रखें।

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