November 24, 2024

आयोडीनयुक्त नमक षारीरिक व मानसिक विकास के जरूरी पोशक तत्व- डॉ0 दिनेष ठाकुर

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मंडी / 21 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत

 विष्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस का जिला स्तरीय आयोजन जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 दिनेष ठाकुर की अध्यक्षता में क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी में आयोजित किया गया। डॉ0 दिनेष ठाकुर ने बताया कि आयोडीन हमारे षरीर के लिए बहुत ही जरूरी सुक्षम पोशक तत्व है और हमारे जीवन के हर स्तर के आधार पर एक व्यस्क को हर दिन 150 माईक्रोग्राम आयोडीन की आवष्यकता जो कि एक सूई की नोक के बराबर की औसत मात्रा की जरूरत होती है।

गर्भावस्था और दूध पिलाने वाली माताओं को रोजाना 200 माईक्रोग्राम आयोडीन की आवष्यकता होती है। यदि षरीर में आयोडीन की कमी हो तो हमें थायराईड रोग हो सकते है क्यांेकि हमारे षरीर को थायराईड हार्मोन्स का उत्पदान करने के लिए आयोडीन की आवष्यकता होता है और इसकी कमी से हमारा षरीर कई समस्याओं की चपेट में आ जाता है मौजूदा दौर में थायराईड से तमाम लोग जूझ रहे है क्योंकि कई बार लोग इन विकारों व लक्षणों को समय पर पहचान नहीं पाते।

उन्होने बताया कि यदि अचानक बजन बढ़ जाये, थकान और कमजोरी महसूस हो, तनाव के संकेत, गर्दन के आस-पास त्वचा का रंग काला पड़े, चिन्ता, घबराहट, महिलाओं में मासिक धर्म में परिर्वतन हो तो उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए तुरन्त अपने पैषब व रक्त की जांच करवानी चाहिए यदि समय पर जांच व उपचार नहीं करोगे तो इसके गम्भीर परिणाम जैसे गर्दन में सूजन, घैन्घा या गिल्हड़ रोग, हृदय रोग, महिलाओं में गर्भपात, बांझपन, अवसाद तथा बच्चे में मस्तिश्क का विकास रूक जाना, बौनापन, गूंगापन, बैहरापन तथा बड़ों में षारीरिक क्षमता कम, थकान, यादास्त कमजोर, बाल झड़ना तथा त्वचा में रूखापन आदि रोग व समस्याएँ पैदा हो सकती है।

उन्होने बताया कि विष्व में 1.5 अरब से अधिक लोग आयोडीन अल्पता विकार का सामना कर रहे है और भारत में 20 करोड़ लोग इस समस्या से जूझ रहे है। भारत में अभी तक 85.6 प्रतिषत लोग ही आयोडीन युक्त नमक खा रहे है इसलिए लोगों को जागरूक करके उन्हें अपने खान-पान जिसमें कम वसा वाला भोजन तथा अपने आहार में फल व सब्जियाँ विषेशकर हरे पत्तेदार, पालक, शकरकन्द, आलू, प्याज, मूली, समुद्री मछली, अण्डा, मीट, बै्रड, दाले तथा स्ट्रबैरी और केले आदि कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दैनिक भोजन में षामिल करने चाहिए।

जन षिक्षा एवं सूचना अधिकारी सोहन लाल ने बताया कि आयोडीन जमीन की उपरी सतह में होता है और हिमाचल प्रदेष पहाड़ी राज्य होने के कारण वर्शा से आयोडीन पानी में बह जाती है और हमें अपने भोजन व सब्जियों में आयोडीन प्रचूर मात्रा में नहीं मिलती इसलिए हमें आयोडीनयुक्त नमक का ही प्रयोग करना चाहिए।

उसे सीलन और धूप से बचाए, खुला न छोड़े और हवा बन्द या टाईट ढ़कन वाले प्लासिटक या षीषें बन्द डिब्बों में रखे तथा तड़का लगाने के बाद ही नमक को सब्जी में डालें नही ंतो आयोडीन नश्ट हो जाती है। उन्होने बताया कि हमें तनावमुक्त जीवन जीना चाहिए, रोज योग व सैर करंे, जंकफूड न लें तथा धुम्रपान, षराब आदि नषीले पदार्थों से बचे रहें।

जिला मण्डी में आषा व स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर नमक की जांच भी कर रही है और आयोडीन के बारे में भी जानकारी दे रही है। इस कार्यक्रम में डॉ0 वीरेन्द्र ठाकुर षिषु रोग विषेशज्ञ, डॉ0 मोनिका स्त्री रोग विषेशज्ञ, तथा गर्भवती महिलाएँ आषा कार्यकर्ताओं सहित 120 लोगों ने भाग लिया।

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