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स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गाजियाबाद में किया अंतरराज्यीय लिंग जांच गिरोह का भंडाफोड़

इस रेड में धरे गए एजेंट से पूछताछ से पूछताछ में कई जिलों में सक्रिय लिंग जांच गिरोह के सदस्यों की होगी पहचान

झज्जर / 19 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संकल्प पर आगे बढ़ते हुए स्वास्थ्य विभाग झज्जर की टीम ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में लिंग जांच गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के एजेंट झज्जर के साथ-साथ रेवाड़ी, रोहतक व सोनीपत आदि जिलों में भी सक्रिय थे। रेड के दौरान भी रेवाड़ी जिला से लिंग जांच के लिए पहुंचे एक दंपत्ति की भी पहचान कर ली गई। स्वास्थ्य विभाग झज्जर की बीते दो महीनों के दौरान लिंग जांच करने वालों के खिलाफ छठी बार सफल रेड थी। डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को बधाई दी है।


सिविल सर्जन डॉ. ब्रहमदीप सिंह ने बुधवार को रेड से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया कि उनके विभाग के इंटेलिजेंस नेटवर्क को एक लीड मिलती है कि एक व्यक्ति झज्जर के आसपास लिंग जांच करने की गतिविधियों में संलिप्त है। पीसी-पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र डोगरा, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. ममता वर्मा, एएमओ डा. रवि गोदारा, विभाग के अन्य कर्मियों व पुलिस की एक संयुक्त टीम का गठन किया। इस टीम ने एक गर्भवती महिला को डिकोए के रूप में तैयार करते हुए संबंधित व्यक्ति से संपर्क किया। आरोपित ने 30 हजार रुपए में लिंग जांच करने का सौदा तय किया।

सिविल सर्जन ने बताया कि आरोपित ने डिकोए को गाजियाबाद में बुलाया और वहां एक आटो में बिठा दिया। उस आटो में एक महिला पहले से ही बैठी हुई थी। आटो चालक आरोपित व दोनों महिलाओं को गाजियाबाद के बाहर भोपुरा गांव में डी-मार्ट के साथ एक सुनसान सडक़ पर ले गया। इसी दौरान एक गाड़ी आती है और उसमें मौजूद चालक व एक अन्य व्यक्ति छोटी पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर आया। महिलाओं का गाड़ी में बिठाकर अल्ट्रासाउंड किया गया। चलती गाड़ी में अल्ट्रासाउंड करने के उपरांत डिकोए व दूसरी महिला को वापस ऑटो में बिठाकर गाजियाबाद बस स्टैंड भेज दिया गया।

डॉ. ब्रह्मदीप सिंह ने बताया कि इस बार गैंग का नेटवर्क बहुत तेज था। जिसमें ऑटो चालक से लेकर फल विक्रेता आदि शामिल थे। अल्ट्रासाउंड के दौरान महिलाओं के मोबाइल फोन भी ले लिए गए थे। यहां तक की मोबाइल फोन के साइड की पोर्टेबल मशीन का इस्तेमाल किया गया था।

डिकोए के अल्ट्रासाउंड की जांच का रिजल्ट भी आरोपित ने केएमपी एक्सप्रेस वे पर आकर बताया गया। केएमपी पर सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आरोपित को धर दबोचा। आरोपित की पहचान प्रमोद के रूप में हुई और प्रमोद ने पूछताछ में खुलासा किया उस दिन चार महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया गया था। पुलिस ने आरोपित से डिकोए से मिले 21500 रुपए की बरामद किए। आरोपित के खिलाफ बादली पुलिस थाना में एफआईआर संख्या 338 दर्ज की गई है। इस मामले में अभी अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी भी की जाएगी।


स्वास्थ्य विभाग के सेक्टर स्थित कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान सिविल सर्जन के साथ पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डा. शैलेंद्र डोगरा व डिप्टी सिविल सर्जन डा. ममता भी मौजूद रहे। बीते दो महीने के दौरान एमटीपी की एक व पीएनडीटी की छ: सफल रेड की गई है। इस बार रेड के दौरान पकड़े गए आरोपित से कई जिलों में सक्रिय लिंग जांच गिरोह के दूसरे सदस्यों के नेटवर्क का खुलासा होने की पूरी उम्मीद है।

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