ऊना / 21 जून / न्यू सुपर भारत
इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने यूनिवर्सिटी कैंपस में योग का कार्यकर्म आयोजित किया। इस मौके पर रजिस्ट्रार डॉक्टर जगदेव सिंह राणा जी को योग सत्र आयोजित करने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। योग सत्र सुबह 9 बजे से एक भावपूर्ण योग प्रार्थना के साथ शुरू हुआ और लगभग 1 घंटे तक चला। योग प्रार्थना के साथ शुरू हुआ योग सत्र का समापन हमेशा स्वस्थ, तंदुरुस्त और स्वस्थ रहने के संकल्प के साथ हुआ। कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर संजय कुमार बहल जी ने स्टाफ को योग के अनेक लाभो से अवगत करवाया हैं। और विश्वविद्यालय के स्टाफ में से श्री बीरबल शर्मा जी और मैडम नवजोत कौर को उत्कृष्ट योग प्रदर्शन से सम्मानित भी किया गया।
निरोगी जीवन और तंदुरुस्त शरीर के लिए योग बहुत महत्वपूर्ण है. योग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाता हैं। योग के फायदों को देखते हुए लोगों ने विदेश में भी इसे स्वीकारा है योग शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति भी देता है और आज के दिन यानि की २१ जून को योग दिवस इंडस इंटरनेशनल
यूनिवर्सिटी में भी सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। साल 2024 अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम महिला सशक्तिकरण के लिए योग है।
योग सत्र के दोरान ध्यान, ताड़ासन, उत्तानासन, वज्रासन, वृक्षासन, अर्धचंद्रासन, मकरासन, उष्ट्रासन, प्राणायाम, पवनमुक्तासन, भ्रामरी प्राणायाम, मत्स्येन्द्रासन, शवासन, शलभ आसन आदि विभिन्न आसन किए गए।
इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने आगामी शैक्षणिक सत्र से योग में मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) की डिग्री शुरू की है। इस नए पाठ्यक्रम का उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में बढ़ती वैश्विक रुचि को पूरा करते हुए पारंपरिक योग प्रथाओं को समकालीन वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ एकीकृत करना है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त महासभा में दुनियाभर में योग दिवस मनाने का आह्वान किया था। प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया। महज तीन महीने के अंदर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया गया। अगले ही साल 2015 में पहली बार विश्व योग दिवस दुनिया भर में मनाया गया।
साल 2015 में 21 जून को योग दिवस मनाने का फैसला लिया गया। सवाल है कि 21 जून को योग दिवस क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे एक खास वजह है। 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। भारतीय परंपरा के मुताबिक,ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। माना जाता है कि सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए फायदेमंद है। इसी वजह से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा।