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इन्दौरा आरएलए कम एसडीएम कार्यकाल में उजागर हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा जाली दस्तावेज देकर 150 से ज्यादा गाड़ियों की करवा दी रजिस्ट्रेशन

इन्दौरा ,12 फ़रवरी ,विकास

इन्दौरा आरएलए कम एसडीएम कार्यकाल में उजागर हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा जाली दस्तावेज देकर 150 से ज्यादा गाड़ियों की करवा दी रजिस्ट्रेशन इन्दौरा के आरएलए कम एसडीएम कार्यालय में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने है यहाँ नूरपुर व इन्दौरा के नामी दलाल जो लोगो से मोटी रकम लेकर गलत तरीक़े से आरसी व लाइसेंस बनाने का काम करते है उनके द्वारा जाली कागजात पेश करके गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन करवा दी गयी है प्राप्त जानकारी के अनुसार टेक्स बचाने के चक्कर मे ओर भारत स्टेज 4 गाड़ियां जो कि न्यायालय द्वारा अप्रैल 1/2020 को बंद कर दी गई थी की रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए लोगो द्वारा जाली कागजात देकर रजिस्ट्रेशन कर दी गयी इनमे ज्यादातर रजिस्ट्रेशन अप्रैल 1/2020 से लेकर सितम्बर 2020 के बीच की गई है वही जांच में पाया गया कि ज्यादातर लोगों द्वारा जाली आधार कार्ड पेश किए गए कियूंकि बाकी राज्यों की अपेक्षा हिमाचल में रजिस्ट्रेशन फीस काफी कम है वहीं कागजात में गाड़ियों की कीमत कम दिखाई गई है ताकि रोड टेक्स कम लगे वही कुछ लोगो द्वारा यह भी दर्शाया गया है कि हम सैनिक है जिससे गाड़ियों पर लगने वाला रोड़ टैक्स कहीं ज्यादा कम हो जाता है

ज्ञात रहे कि इन्दौरा आरएलए कम एसडीएम कार्यालय पहले भी जाली लाइसेंस बनाने में पहले भी सुर्खियों में रहा है व दलालो की डील करने की वीडियो भी काफी वायरल हुई थी ओर स्थानीय पत्रकारो ने भी इस मुद्दे को अपने चैनलो ओर समाचार पत्रों के माध्यम से कई बार उजागर किया पर जांच तो शुरू हुई पर शायद राजनीतिक दवाब के चलते पूरी नही हो सकी ओर ठप हो गई। यहाँ तक की इस कार्यलय में बीते वर्ष अपनी सेबाए देकर जा चुके एक बड़े अधिकारी ने इस सारे प्रकरण को झूठ बताते हुए समाचार पत्रों ओर चैनलो में खबर लगाने बाले पत्रकारों के खिलाफ मानहानि का दावा करते हुए उनके खिलाफ माननीय शिमला उच्च न्यायलय से बकील के माध्यम से नोटिस निकालते हुए अपनी सफाई पेश की थी पर फिर भी यह कारोबार चलता रहा।

और बिभाग ओर सरकार उन्हें बचाने में जुटी रही अब तो स्पस्ट हो गया कि यह कार्य कार्यलय के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना नही हो सकता वही यहां कुछ ऐसी गाड़ियों की भी रजिस्ट्रेशन हुई है जिनकी कीमत करोड़ों रुपए है अतः यही से अंदाजा लगाया जा सकता है एक तरफ जहां सरकार को करोड़ो का चूना लगा है वही कार्यलय के कर्मचारियों द्वारा मोटी कमाई की गई है ओर अब जो इस कार्यलय द्वारा बाहन नंबर के आधार पर दीये गए पते पर डाक के माध्यम से नोटिस भी भेजे जा रहे है देखने को यह भी आया है कि उन नामों से संबंधी व्यक्ति ही गाँव के नागरिक ही नही है और फिर नोटिस कार्यलय में बापिस भेजे जा रहे है।इससे इस मामले की लकीरें ओर भी लंबी होती दिख रही हैं

इस संबंध में जब एसडीएम इन्दौरा सोमिल गौतम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें उच्चाधिकारियों द्वारा नई तकनीक के सॉफ्टवेयर से जानकारी प्राप्त हुई थी कि कुछ गाड़ियों ऐसी है जिनकी जाली कागजात पेश करके रजिस्ट्रेशन हुई है उन्हें 7 दिन की मोहलत दी गयी है अगर उनके द्वारा सही कागजात दिये गए है तो ठीक है अन्यथा उनकी आरसी को रद्द किया जाएगा व धारा 55 के तहत उन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी जिसकी सूची तैयार करके थाना इन्दौरा में भेजी जा रही है वही तत्काल प्रभाव से कार्यलय के लेखाधिकारी को बदल दिया गया है व उसकी जगह नए लेखा अधिकारी की नियुक्ति की गई है इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के बिधायक राजेंद्र राणा से बात की गई तो उन्होंने कहा है

कि जिस तरह जिला कांगड़ा के इंदौरा स्थित एसडीएम कार्यालय में फर्जी दस्तावेजों के साथ वाहन पंजीकरण के लगातार मामले सामने आ रहे हैं, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि राजनीतिक संरक्षण में सुनियोजित ढंग से कोई माफिया इस कार्य को अंजाम दे रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। आज यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा सरकार ईमानदार और पारदर्शी प्रशासन का ढोल पीटने में लगी है , वहीं दूसरी तरफ पहले फर्जी डिग्री प्रकरण और अब इन्दौरा में वाहन पंजीकरण के फर्जीवाड़े ने ढोल की पोल खोल कर रख दी है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत किसी निष्पक्ष एजेंसी से इस फर्जीवाड़े की जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि फर्जीवाड़े के लगातार ऐसे मामले सामने आने से प्रदेश की छवि भी खराब हो रही

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