इफको ने किसान गोष्ठी आयोजित कर बताए नैनो यूरिया के फायदे
फतेहाबाद / 23 जून / न्यू सुपर भारत
लघु सचिवालय के सभागार में इफको द्वारा वीरवार को किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बतौर मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करते हुए किसानों को इफको नैनो यूरिया को यूरिया के विकल्प में इस्तेमाल करने की सलाह दी। इफको और कृषि तथा किसान कल्याण विभाग को इस प्रकार के और कार्यक्रम करने के लिए प्रेरित किया।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने किसानों से कहा कि वे इफको द्वारा तैयार की गई नैनो यूरिया का इस्तेमाल करें। यह यूरिया भंडारण में आसान है, वहीं इसकी लागत भी यूरिया थैलों की अपेक्षा कम है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के उत्थान के लिए योजनाएं क्रियांवित कर रही है। उन योजनाओं का किसान लाभ उठाए। उन्होंने इफको व कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे किसानों को जागरूक करने के लिए इस प्रकार के सेमिनार खंड स्तर पर आयोजित करें और उन्हें इन योजनाओं की जानकार दें।
इफको के क्षेत्रीय अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने उपस्थित सभी अधिकारियों व किसानों का स्वागत करते हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य सांझा किया। उन्होंने कहा कि इफको द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य को देखते हुए किसान गोष्टी आयोजित की गई है, जो किसानों की आय वृद्धि में लाभकारी साबित होगी जिसमें कृषि संबंधित सभी जानकारी किसानों को दी जाएगी।
इफको की कार्यशैली पर विस्तार से चर्चा करते हुए डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि इफको लगातार किसानों के बीच अपनी सेवाएं देती रही है, जिसमें किसान सभा, सामाजिक कार्यक्रम, नीम पौधारोपण, मृदा परीक्षण अभियान आदि किसानों के हित के कार्यक्रम प्रदेश भर में चलाती रही है। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया एक नई खोज है, जिससे किसानों को अपनी आमदनी दोगुना करने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम में इफको के उप-महाप्रबंधक ओंकार सिंह ने किसानों को कहा कि इफको नैनो यूरिया (तरल) दुनिया का पहला नैनो तकनीक पर आधारित उर्वरक है जो कि दानेदार यूरिया से लाभदायक है जिससे वायु एवं जल प्रदूषण नहीं होता है। जमीन की उर्वरा शक्ति पर भी कोई नुकसान नहीं होता है तथा 8 से 10 प्रतिशत उपज भी बढ़ती है। नैनो यूरिया तरल का प्रयोग 4 एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर पत्तों पर छिडक़ाव द्वारा किया जाता है।
उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया के साथ सागरिका के उपयोग से फसल में दौगुना फायदा होता है। इसके इस्तेमाल से भारत सरकार द्वारा पारंपरिक यूरिया पर प्रदत सब्सिडी की भी बचत होती है तथा जैव उर्वरक, जल विलेय उर्वरक के बारे में विस्तार से बताया। जोनल प्रबंधक विनय मणी ने किसानों को फसलों में कीट प्रबंधन के विषय पर विस्तार में जानकारी दी।
इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण अधिकारी डॉ. राजेश सिहाग ने किसानों को कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही सभी किसान हितैषी योजनाओं को विस्तार में जानकारी देते हुए बताया कि समय-समय पर विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर किसान कृषि में उन्नति कर सकते हैं। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि एडीसी अजय चोपड़ा, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां मानता, इफको के राज्य विपणन प्रबंधक डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे।