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109 करोड़ की संधोल-रखोह पेयजल योजना से क्षेत्र के सैंकड़ों परिवार लाभान्वित

मंडी / 18 सितंबर / न्यू सुपर भारत

धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में करीब 109 करोड़ रुपए से संधोल-टौरखोला-कमलाह-टिहरा- रखोह पेयजल योजना के बनने से इस क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों की पेयजल समस्या का समाधान हुआ है। वहीं, लोगों को घरद्वार पर नये नल कनेक्शनों के जरिए समुचित मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। यह बात जल शक्ति, राजस्व, बागवानी एवं सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने रविवार को करीब 18 लाख रुपए से निर्मित लौंगणी में  हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान के  भवन का लोकार्पण करने के पश्चात लौंगणी प्राथमिक पाठशाला मैदान में आयोजित किसान मेले में जन-समूहों को संबोधित करते हुए कही।

  जल शक्ति मंत्री ने भेडी, ग्रौडू, बल्द्वाड़ा चौकी, स्याठी-१, स्याठी-२, स्याठी-३, लौंगणी, करनोहल  में जन समस्याएं सुनी और संबंधित विभागों के अधिकारियों को लोगों की समस्याओं के समाधान करने की आवश्यक दिशा निर्देश दिए।महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि  लौंगणी में वन विज्ञान केंद्र खुलने से धर्मपुर व साथ लगते क्षेत्रों के लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान यहां के लोगों की आय बढ़ाने के लिए अनुसंधान के बेहतर प्रयास करें।

उन्होंने कहा कि लोगों को टौर की नर्सरी उपलब्ध करवाई जाए, ताकि टौर के पत्तियों का व्यवसाय करके यहां के स्थानीय किसान अपनी आय का अतिरिक्त जरिया बना सकें।  बता दें कि हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला ने प्रदेश में यह दूसरा विज्ञान केंद्र खोला है, जबकि इससे पहले एक विज्ञान केंद्र मनाली में खोला गया है।  जल शक्ति मंत्री ने कहा कि धर्मपुर में इस विज्ञान केन्द्र के खुलने से वानिकी विस्तार में इजाफा होगा। 

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोग पहले से ही पारंपरिक कृषि-वानिकी का अभ्यास कर रहे हैं, तथापि उत्पादकता बढ़ाने और स्थायी आय सृजन के लिए कृषि-वानिकी, एग्री-सिल्वी, एग्री-होर्टीकल्चर एवं औषधीय पौधों पर आधारित कृषि-वानिकी प्रणाली विकसित करने की काफी संभावनाएं हैं। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि लकड़ी और गैर-लकड़ी दोनों प्रजातियों के पौध की उत्पादकता बढ़ाने के लिए बेहतर रोपण सामग्री विकसित करने पर जोर दिया जाएगा, जिससे वानिकी और कृषि से जुड़े लोगों को मदद मिलेगी ।

उन्होंने कहा कि इस विज्ञान केंद्र में टौर, सागवान/टीक, चन्दन तथा चारा प्रजातियों की नर्सरी तैयार की जाएगी। जल शक्ति मंत्री ने संस्थान के अधिकारियों से कहा कि लोगों को समय-समय पर वानिकी संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करके प्रशिक्षण दिए जाएं और विभिन्न प्रजातियों की नर्सरी उपलब्ध कराई जाए।इससे पहले जल शक्ति मंत्री ने मेले में वन विभाग, हॉर्टिकल्चर, कृषि, डॉ. यशवंत सिंह परमार हॉर्टिकल्चर,  वानिकी महाविद्यालय नेरी-हमीरपुर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों एवं कार्यों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया । 

भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देहारादून (भारतीय वन सेवा) महा-निदेशक अरुण सिंह रावत ने जल शक्ति मंत्री को स्मृति चिन्ह, शाल व टोपी भेंट करके सम्मानित किया।  हिमालयन वन अनुसंधान, शिमला के निदेशक  डॉ संदीप शर्मा ने संस्थान के विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।इस अवसर पर बीडीसी सदस्य बीट्टा  सिंह, सुमन, कमला देवी, भाजपा मंडल सचिव जगन्नाथ, बूथ अध्यक्ष करम सिंह, वरिष्ठ कार्यकर्ता श्याम सिंह, प्रधान सज्जाओ पीपलू  सरिता ठाकुर, ग्राम पंचायत जोढन के उप-प्रधान निट्टू ठाकुर, वार्ड सदस्य पप्पी देवी, वार्ड सदस्य कैप्टन राजेंद्र सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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