हमीरपुर / 28 नवंबर / न्यू सुपर भारत //
बागवानी, राजस्व और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने जिला के किसानों से आग्रह किया है कि वे पारंपरिक फसलों के अलावा आधुनिक सुविधाओं के साथ बागवानी को भी अपनाएं, जिससे उनकी आय में काफी वृद्धि होगी। वीरवार सुबह हमीरपुर के निकटवर्ती गांव बकारटी और बरंडा में एचपीशिवा परियोजना के तहत लगाए गए मौसम्बी के बागीचों के निरीक्षण तथा बकारटी में स्थानीय बागवानों के साथ संवाद के दौरान जगत सिंह नेगी ने यह अपील की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी फल उत्पादन, विशेषकर नींबू प्रजाति के फलों को बढ़ावा देने तथा बागवानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार एचपीशिवा परियोजना के माध्यम से प्रदेश सरकार बागवानों के लिए बागीचे तैयार करके उन्हें सौंप रही है। इन क्षेत्रों के हर किसान-बागवान को इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
बकारटी और बरंडा के क्लस्टरों में लगाए गए मौसम्बी के बागीचों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए जगत सिंह नेगी ने कहा कि शुरुआती दौर में ही यहां अच्छी पैदावार हुई है।
आने वाले समय में यह परियोजना क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति ला सकती है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के बागवानों की सुविधा के लिए खाद और दवाइयां एचपीएमसी की गाड़ी के माध्यम से उनके गांव में ही उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पौधों की सिंचाई के लिए अत्याधुनिक ड्रिप प्रणाली के साथ-साथ स्प्रिंकलरों का भी प्रावधान करें, ताकि बागीचों में अन्य फसलें भी उगाई जा सकें। उन्होंने इस संबंध में जैन इरिगेशन कंपनी और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए। जगत सिंह नेगी ने कहा कि बागवानों के मार्गदर्शन के लिए विभागीय अधिकारियों के अलावा फेसिलिटेटर्स भी तैनात किए गए हैं।
इस अवसर पर एचपीशिवा के परियोजना निदेशक डॉ. देवेंद्र ठाकुर और उद्यान विभाग के उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने बागवानी, राजस्व और जनजातीय विकास मंत्री का स्वागत किया तथा जिला के विभिन्न क्लस्टरों में पौधारोपण एवं इससे संबंधित कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। जैन इरीगेशन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर हिरेंद्र चंदेल और विभु शर्मा ने सिंचाई सुविधाओं से अवगत करवाया। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुमन भारती, परियोजना के तहत गठित स्थानीय सोसाइटी के अध्यक्ष हंसराज शर्मा और क्षेत्र के अन्य बागवानों ने भी अपने अनुभव साझा किए तथा कुछ समस्याएं भी जगत सिंह नेगी के समक्ष रखीं।