होशियारपुर/ 31 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़:
कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल की ओर से गांव टोडरपुर में पराली प्रबंधन संबंधी जागरुकता कैंप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में सहायक प्रोफेसर सब्जी विज्ञान डा. सुखविंदर सिंह औलख ने धान की पराली को आग लगाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरुक किया व पराली के प्रयोग के माध्यम से मशरुम की काश्त के बारे में जानकारी सांझी की।
कृषि विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर(ट्रेनिंग)डा. मनिंदर सिंह बौंस ने खेती मशीनरी के माध्यम से धान की पराली प्रबंधन के बारे में विस्तार से तकनीकी जानकारी भी सांझी की। उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि किसान धान की पराली को न जलाने व उपलब्ध मशीनरी व तकनीक के माध्यम से इसका प्रयोग कर वातवरण को प्रदूषित होने से बचाएं। डा. बौंस ने पराली प्रबंधन संबंधी पिछले वर्षों के दौरान माहिलपुर ब्लाक के अपनाए गांवों टोडरपुर, कोटला, पंजौड़ा, पंडोरी गंगा सिंह, मखसूसपुर, ईसपुर, भगतुपुर, जलवैहड़ा, सकरुली, गुज्जरपुर के किसानों की भी प्रशंसा की, जिन्होंने मेहनत कर पराली प्रबंधन में बहुमूल्य व अहम योगदान पाया था। डा. बौंस ने गेहूं की काश्त संबंधी जरुरी सुझाव भी सांझे किए।
सहायक प्रोफेसर पशु विज्ञान डा. अरुणबीर सिंह ने पशु पालन व पराली का पशु चारे के तौर पर प्रयोग के बारे में विचार सांझे किए। इस मौके पर प्रगतिशील किसान संदीप सिंह, सुखविंदर सिंह, हरजीत सिंह, सतनाम सिंह ने भी पराली प्रबंधन संबंधी अपने सफल अनुभव किसानों के साथ सांझे किए। किसानों की सुविधा के लिए रबी की फसलों के बीज, सर्दी की सब्जियों की किटें, दालों व तेलबीजों की किटें, पशुओं के लिए चूरा व खेती साहित्य भी उपलब्ध करवाए गए। जागरुकता कैंप में संदीप सिंह, सुखविंदर सिंह, परमजीत सिंह, गुरदीप सिंह, सतवीर सिंह, हरविंदर सिंह, गुरमीत सिंह, गुरदेव सिंह, जगतार सिंह, रणबीर सिंह, जोगा सिंह, हरजीत सिंह दलजीत सिंह, अजैब सिंह आदि भी मौजूद थे।