December 26, 2024

कोविड के मद्देनजर पराली जलाने के रुझान को रोकने के लिए सभी संगठन आगे आएं: अपनीत रियात

0

*मानवीय स्वास्थ्य व वातावरण के लिए हानिकारक इस कार्रवाई को रोकने के लिए किसानों को पुरजोर अपील **गांवों में नोडल अधिकारी तैनात, धान की पराली को आग लगाने के मामलों में रखेंगे निगरानी

होशियारपुर / 30 सितंबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़

धान की पराली को आग लगाने के घातक रुझान को रोकने के लिए डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने आज सभी सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक व गैर सरकारी संगठनों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि मौजूदा कोरोना वायरस के संकट के मद्देनजर इस बेहद हानिकारक कार्रवाई पर संयुक्त प्रयासों से ही नकेल कसी जा सकती है।

इन संगठनों को अपील करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पराली को आग न लगाने संबंधी किसानों को जागरुक करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से की जा रही पहलकदमियों में सरगर्म सांझीदार बनकर इस जागरुकता अभियान को जमीनी स्तर पर असरदार ढंग से लागू करने में बनती भूमिका निभाएं ताकि किसानों को इस कार्रवाई के बुरे परिणामों से सावधान व जागरुक किया जा सके। उन्होंने कहा कि पराली व फसल के अवशेषों को आग लगाना मानवीय स्वास्थ्य, वातावरण के साथ-साथ मित्र कीड़ों के लिए भी बहुत नुक्सानदेह है, जिसको रोकना हम सभी की सांझी जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने संबंधित विभागों व अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनहित में पराली जलाने के मामलों पर निगरानी रखी जाए।

उन्होंने कहा कि कोविड महांमारी के मद्देनजर पराली जलाने की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन की ओर से पहले ही गांवों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं जो कि ऐसे मामलों की रोकथाम में अहम भूमिका निभाएंगे।

किसानों से सहयोग की मांग करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने किसानों को कोविड-19 की महांमारी फैलने के विशेष हालातों में धान की पराली जलाने के रुझान को खत्म करने की अपील की है क्योंकि इससे पहले ही अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे लोगों के स्वास्थ्य पर और भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि यह नोडल अधिकारी गांवों में अपनी ड्यूटी निभाएंगे व सहकारिता, राजस्व, ग्रामीण विकास व पंचायत, कृषि, बागवानी व भूमि सरंक्षण विभागों के साथ-साथ पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व जी.ओ.जीज के साथ पूरा तालमेल कर पंजाब में पराली जलाने के गैर सेहतमंद अमल के खात्मे के लिए अपने प्रयास को और तेज करेंगे।

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि इन अधिकारियों को यह यकीनी बनाने के लिए कहा गया है कि गांवों में सिर्फ सुपर एस.एम.एस सिस्टम वाली कंबाइनों को ही चलने दिया जाए। यह अधिकारी जमीन ठेके पर देने वालों की सूचि तैयार करेंगे व हर जमीन मालिक को फोन पर सावधान करेंगे कि यदि उसने पराली न जलाने को यकीनी बनाने के लिए कोई कदम न उठाया तो उसके राजस्व रिकार्ड में लाल अक्षरों(रैड एंट्री) से इंदराज किया जाएगा।

यह अधिकारी उन किसानों की भी पहचान करेंगे जिनकी ओर से पराली को आग लगाने की संभावना है व इनके पास सीधी पहुंच कर इनको समझाएंगे। यह अधिकारी पराली जलाने वाले किसानों का पता लगाएंगे व गांव के माल पटवारी को राजस्व विभाग की ओर से अलग तौर पर जारी हिदायतों के मुताबिक माल रिकार्ड में जरुरी एंट्री करने के लिए कहेंगे।

यह नोडल अधिकारी पराली के निपटारे की मशीनों के प्रदर्शन के माध्यम से गांवों में जागरुकता पैदा करेंगे। इसी तरह यह अधिकारी पैंफलेट बांटने, गुरुद्वारों में जाकर एनाउंसमेंट करवाने, विद्यार्थियों को जागरुक करने के लिए गांवों के स्कूलों के पास पहुंचकर लेक्चर करवाएंगे ताकि विद्यार्थी आगे अपने मां-बाप व गांव के और किसानों को जागरुक कर सकें।

वर्णनीय है कि प्रदेश सरकारी की ओर से पराली को बिना जलाए व निपटाने के लिए व्यापक प्रोग्राम बनाया गया है। इसके हिस्से के तौर पर इस वर्ष 23500 और कृषि मशीने किसानों को व्यक्तिगत या समूह या सहकारी सभाओं के माध्यम से 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर दी जा रही हैं। इसके अलावा पिछले दो वर्षों में पराली को खेत में निपटाने के लिए 51,000 मशीने दी जाएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *