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होम आईसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश

बिलासपुर / 30 जुलाई / न्यू सुपर भारत

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते अब कोरोना पाॅजिटिव लोगों जिन्हें बेहद हल्के लक्षण होने पर या बिल्कुल भी लक्षण न दिख रहे हो उन लोगों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा हैं।

रोगी को अलग कमरे में घर के दूसरे लोगों से दूर रहना होगा। देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति 24 घण्टे मौजूद होना चाहिए जो हॅास्पिटल के भी सम्पर्क में रहे। फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना चाहिए जो हमेशा ऐक्टिव रहे। कोरोना पाॅजिटिव आने पर 10 दिनो  तक होम आइसोलेसन में रहना होगा अंत में दुबारा टेस्टिंग की जरुरत नहीं हैं।


रोगी को अलग कमरे में घर के दूसरे लोगों से दूर रखें व अलग शौचालय का प्रयोग करें यदि इस की सीट पर ढक्कन लगा हो तो फ्लश करने से पहले ढक्कन बंद कर दें। रोगी तरल पदार्थ ज्यादा मात्रा में लें व पौष्टिक, सुपाच्य व ताजा बना खाना खाएं। रोगी अपने चिकित्सक के परामर्श उपरान्त अन्य रोगों के लिए ली जाने वाली दवाओं का सेवन जारी रखें, मरीज को बुखार, जुकाम, और खांसी जैसे लक्षण आने पर उनके उपचार के लिए सुझाए गए निर्देशों का पालन करें।

होम आइसोलेशन में रह रहे रोगी को अपना बुखार खुद जांचना होगा उसके पास थर्मामीटर के साथ-साथ पल्स आक्सीमीटर (शरीर में आॅक्सीजन का स्तर जांचने के लिए) खरीद कर उपयोग करेगा। यदि रोगी म्युनिसिपल कमेटी क्षेत्र के निवासी है तो वे अपने संक्रमित कचरे को थैले में डालकर विसंक्रमित करने के बाद सफाई कर्मचारी को देगें और यदि ग्रामीण क्षेत्र में रह रहा है तो इस कचरे को उसकी देखभाल करने वाला व्यक्ति जमीन के अन्दर ही दबा कर के नष्ट करना सुनिश्चित करेगा।


देखभाल करने वाले के लिए दिशा निर्देश
होम आइसोलेशन में रोगी की देखभाल करने वाले को भी तीन तहों वाला मास्क पहनना जरूरी है। सामने वाला मास्क का भाग न छुये रोगी के थूक, लार या छींक के सीधे सम्पर्क से बचे। अगर मास्क गीला हो जाये तो इसे तुरन्त बदल ले। साबुन व पानी से हाथ बार-बार धोये, हाथ धोने में कम से कम 20 सैकेड लगाये अथवा अल्काहल युक्त हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

बिना हाथ धोएं अपने चेहरे, नाक या मुह को न छुएं। भोजन रोगी को उसके कमरे में ही दें, उसके सीधे सम्पर्क से बचे। रोगी के बर्तन को दस्ताने (गलब्ज) पहन कर साबुन व पानी से धोये अथवा रोगी अपने आप धो सकता है तो खुद ही धोएं। कपडे भी खुद धोएं अथवा मरीज के कपडे, बिस्तर, तौलिए इत्यादि को गर्म पानी व डिटर्जेट में अलग से धोएं एवं इन्हें धूप में अच्छे से सूखा लें।

रोगी के प्रयोग में आनी वाली चीजे कभी प्रयोग में न लाये जैसे तोलिया, बैड सीट, खाना खाने के बर्तन आदि। दस्ताने व मास्क को उतारने के बाद हाथ अवश्य धोएं। रोगी द्वारा जनित वेस्ट का उचित बी.एम.डब्ल्यु निर्देशो के अनुसार निपटान करें।


उल्लघंन करने पर नियमानुसार कडी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। देखभाल कर्ता अपने मोबाईल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करें। देखभाल कर्ता सुनिश्चित करें कि निर्धारित उपचार का पालन करें एवं दवाइयों का नियमित रुप से सेवन करवाएं।

कई बार चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता पड जाती है यदि कोई गम्भीर लक्षण जैसे सांस लेने में तकलीफ, आॅक्सीजन स्तर में गिरावट, छाती में दर्द और दबाव का बने रहना, मानसिक भ्रम या शारीरिक रुप से उठने में असमर्थता हो तो तुरंत डाॅ0 से सम्पर्क करें।

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