ऊना / 01 नवंबर / न्यू सुपर भारत
जिला ऊना में आयुष विभाग द्वारा क्षेत्रवासियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं जिसके परिणाम स्वरूप विभाग के अधीन जिला के सभी आयुर्वेदिक अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों तथा वैलनेस सेंटरों के अलावा जिला मुख्यालय ऊना में संचालित एकमात्र होम्योपैथी सेंटर की ओपीडी में निरंतर वृद्धि हो रही है। आयुष विभाग के स्वास्थ्य संस्थानों में न केवल चिकित्सीय उपचार किया जाता है बल्कि योग, प्राकृतिक खानपान व रहन-सहन के माध्यम से स्वस्थ जीवन जीने के बारे में लोगों को प्रेरित भी किया जाता है। इसके अलावा जिला के कुछ स्वास्थ्य संस्थानों में पंचकर्म व योगाभ्यास की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
जिला आयुर्वेदिक अस्पताल ऊना में पंचकर्मा के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ ले रही टक्का निवासी ममता ने बताया कि उन्हें सर्वाइकल, टांगों में दर्द तथा सूजन इत्यादि की गंभीर समस्या थी जिसके लिए पहले उन्होंने अनेक स्थानों पर विभिन्न विधियों से उपचार करवाया। लेकिन उन्हें केवल अस्थाई आराम मिलता रहा। उन्होंने बताया कि लगभग एक महीना पहले उन्हें आयुर्वेद विभाग के डॉक्टर नरेश से जिला अस्पताल ऊना में पंचकर्म सुविधा के बारे में जानकारी मिली। इसके पश्चात उन्होंने जिला अस्पताल ऊना में जिला आयुष अधिकारी डॉ ज्योति कंवर से संपर्क कर अपने रोगों के बारे में परामर्श लिया तथा डॉक्टर ज्योति कंवर ने उन्हें पंचकर्म सुविधा लेने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि वह पिछले 20 दिनों से जिला अस्पताल ऊना में पंचकर्मा का लाभ ले रही हैं तथा अब पहले से बहुत बेहतर महसूस कर रही हैं।
पंचकर्मा के ही एक अन्य लाभार्थी गांव जनकौर निवासी रणवीर सिंह ने बताया कि उन्हें अनिद्रा की गंभीर समस्या थी जिसके लिए पिछले कुछ दिनों से वह जिला आयुर्वेदिक अस्पताल ऊना में पंचकर्मा विधि से अपना उपचार करवा रहे हैं तथा अब पहले से बहुत बेहतर महसूस कर रहे हैं।
आयुष विभाग द्वारा जिलावासियों को उपलब्ध करवाई जा रही सेवाओं के विषय में अधिक जानकारी देते हुए जिला आयुष अधिकारी डॉ ज्योति कंवर ने बताया कि ऊना जिला में आयुष विभाग के अधीन पांच अस्पताल, 69 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र तथा एक होम्योपैथी केंद्र सहित कुल 75 संस्थान कार्यरत हैं। जिला मुख्यालय ऊना के अलावा ईसपुर (नेचर केयर यूनिट), तलमेहड़ा, जोह तथा गग्रेट में अस्पताल स्तर के संस्थान क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं जबकि जिला आयुर्वेदिक अस्पताल परिसर ऊना में एक होम्योपैथी सेंटर भी क्षेत्र वासियों को होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से उपचार सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसके अतिरिक्त जिला में कुल 69 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां पर आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से क्षेत्र वासियों का उपचार किया जा रहा है।
इनमें से 17 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्थ वेलनेस सेंटर भी चलाए जा रहे हैं। हेल्थ वेलनेस सेंटरों में आयुर्वेदिक उपचार के अलावा क्षेत्रवासियों को योग अभ्यास सहित प्राकृतिक उपचार की अनेक अन्य विधियों के विषय में भी शिक्षित एवं जागरूक किया जा रहा है। जिला में गोंदपुर बनेहड़ा, धमांदरी, खुरवाई, जलग्रां, चताड़ा, अपर पंडोगा, कोट, कुठेरा जसवालां, लोअर मुबारकपुर, रायपुर मैदान, अरलू, गौंदपुर जयचंद, हीरां, चूरूड़ू, रायपुर सहोड़ां, जावेड़ सूरी तथा लोहारली आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्थ बैलेंस की सुविधा प्रदान की जा रही है। हेल्थ वेलनेस सेंटरों में आयुष विभाग द्वारा अनुदेशक नियुक्त किए गए हैं जो कि लोगों को पंचकर्मा तथा योग इत्यादि के बारे में महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
इन आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में दी जा रही अतिरिक्त चिकित्सीय सुविधाओं के करण इन संस्थाओं की ओपीडी में निरंतर वृद्धि हो रही है। इन आयुर्वेदिक संस्थानों में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 62,669 लोगों ने स्वास्थ्य जांच सुविधा का लाभ लिया है जबकि वित वर्ष 2022-23 के दौरान 76,421 लोगों ने इन संस्थानों में चिकित्सीय जांच करवाई। वित्त वर्ष 2023-24 दूसरी तिमाही के अंत तक आयुर्वेदिक विभाग के इन वैलनेस केंद्रों में अब तक लगभग 50 हजार व्यक्ति स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। यह संख्या गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत अधिक है।
जिला आयुष अधिकारी डॉ ज्योति कंवर ने बताया कि आयुर्वेदिक अस्पतालों में हिम केयर तथा आयुष्मान भारत के लाभार्थियों के लिए पंचकर्मा से संबंधित सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं। जबकि अन्य लोगों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों पर पंचकर्मा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पंचकर्म व योग के द्वारा न केवल रोगों का उपचार किया जा सकता है। बल्कि एक स्वस्थ व्यक्ति भी इसे अपनाकर जीवन में सदैव निरोगी रह सकता है।
उन्होंने बताया कि आयुष विभाग द्वारा जिला के अन्य आयुर्वेदिक स्वास्थ्य संस्थानों में भी पंचकर्म व वैलनेस सेंटर के माध्यम से प्रदान की जा रही सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने जिला वासियों से अपील की है कि वे जीवन में प्राकृतिक खान-पान व उपचार के साथ-साथ आयुर्वेद व पंचकर्मा को अपनाएं तथा समाज में आम जनमानस को भी इसके लिए प्रेरित व जागरूक करें।