शिमला / 02 मई / न्यू सुपर भारत ///
तकनीकी शिक्षा एवं नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने आज यहां भाजपा नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले साल आई भयंकर आपदा में भाजपा का योगदान शून्य है। धर्माणी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने विशेष राहत पैकेज के नाम पर हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावितों को एक धेला नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह के नेतृत्व में अपने सीमित संसाधनों से 4500 करोड़ रूपये का पैकेज प्रभावितों को प्रदान किया, जिससे उन्हें मुश्किल घड़ी में बड़ी राहत मिली।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को फिर से बसाने के लिए राज्य सरकार ने वर्षों से चले आ रहे राहत एवं पुनर्वास नियमों मंें बदलाव किया, क्योंकि पुराने नियमों के अनुसार मिलनी वाली मुआवजा राशि बहुत कम थी। इस मामूली राहत से किसी भी आपदा प्रभावित के लिए अपने घर का पुनः निर्माण करना संभव नहीं होता है। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए मुआवजे राशि में ऐतिहासिक बढ़ौतरी कर पूरे देश के समाने एक मिसाल पेश की।
राजेश धर्माणी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से राज्य के लगभग 25,000 आपदा प्रभावित परिवारों को फिर से बसाया है। राहत पैकेज के तहत घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर मिलने वाली 1.30 लाख रूपये की सहायता राशि को 7 लाख रूपये किया गया। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने वाले मकान की मुआवजा राशि को 6000 रूपये से बढ़ाकर एक लाख रूपये किया गया। यही नहीं, गौशालों, पशुधन तथा कृषि योग्य भूमि को होने वाले नुक्सान के मुआवजे में भी ऐतिहासिक बढ़ौतरी की गई। इसके साथ ही प्रभावितों के पुनर्वास के लिए 31 मार्च, 2024 तक रसोई गैस का कुनैक्शन तथा खाने पीने की सामग्री निशुल्क प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि घरों के पुनर्निर्माण के लिए सीमेंट भी सरकारी दरों पर उपलब्ध करवाया गया।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में ऐसा राहत पैकेज पहली बार दिया गया और किसी भी आपदा की स्थिति में प्रभावितों को मिलने वाला यह सबसे अधिक उदार पैकेज है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने आपदा के समय केवल मात्र राजनीति की और प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर लाए गए विधानसभा प्रस्ताव का समर्थन न कर आपदा प्रभावितों के जख्मों पर नमक छिड़का। उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में केन्द्र से विशेष राहत पैकेज प्राप्त करने में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू बार बार केन्द्रीय मंत्रियों से मिलते रहे जबकि भाजपा के तीनों सांसदों ने एक बार भी यह मुद्दा संसद तथा प्रधानमंत्री के समक्ष नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि जिनका आपदा प्रभावितों की सहायता में कोई योगदान नहीं है वे राज्य सरकार से सवाल पूछने की हकदार नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता जानती है कि आपदा में कौन उनके साथ खड़ा रहा।