November 23, 2024

जयराम ठाकुर द्वारा प्रदेश के आर्थिक हालात पर दिए गए बयान पर इनका पलटवार

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शिमला / 13 फरवरी / न्यू सुपर भारत

नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर द्वारा प्रदेश के आर्थिक हालात पर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर एवं मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शायद यह भूल गए हैं कि उनके शासनकाल में ही भाजपा सरकार की नीतियों एवं वित्तीय कुप्रबंधन ने हिमाचल को आर्थिक संकट में डालने का कार्य किया।
यहां जारी एक वक्तव्य में मुख्य संसदीय सचिवों ने कहा कि जय राम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा की तथाकथित डबल इंजन सरकार हिमाचल के हितों को सुरक्षित रखने में नाकाम रही और इसी कारण लगभग 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज तथा 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कर्मचारियों की देनदारियां विरासत में छोड़ कर गई।

इनमें से लगभग 14 हजार करोड़ रुपये का कर्ज चुनावी वर्ष में लिया गया। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री अपनी नाकामियां छुपाने के लिए वर्तमान सरकार पर ऋण सम्बंधी तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व सरकार ने छठे वेतन आयोग के नाम पर कर्मचारियों को केवलमात्र ठगने का ही काम किया और इसका एरियर देना भी भूल गई।
उन्होंने कहा कि प्रदेश को कर्ज के दलदल में डुबोने वाली भाजपा को वर्तमान सरकार पर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार उपलब्ध संसाधनों के बेहतर दोहन से राजस्व बढ़ाने के गम्भीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश के हितों को चुनिंदा लोगों को बेचने का ही काम किया, जबकि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने शराब ठेकों की नीलामी, जल उपकर जैसे उपायों से सरकार के राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित की है।

सुन्दर सिंह ठाकुर एवं संजय अवस्थी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश की आर्थिक बदहाली का कारण पिछली तथाकथित डबल इंजन की भाजपा सरकार का वित्तीय कुप्रबंधन ही है। अब भी भाजपा व केंद्र की एनडीए सरकार जल उपकर से राजस्व जुटाने के प्रयासों और बीबीएमबी से राज्य का उचित हिस्सा प्राप्त करने में बाधा डाल रही है।  उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर आज कर्मचारी हितैषी बनने का जितना ढोंग कर लंे, लेकिन एनपीएस कर्मचारियों का प्रदेश का सबसे बड़ा आन्दोलन इनकी सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के रूप में दर्ज है। उस समय जय राम ठाकुर विधानसभा से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ओपीएस की अपनी मांग को लेकर आन्दोलनरत कर्मचारियों की गुहार सुनने के बजाय उन पर पानी की बौछारें छोड़ने व बलपूर्वक आन्दोलन को कुचलने के लिए ही याद किए जाएंगे।

इन कर्मचारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं अपने बच्चों को साथ लेकर शामिल होने को मजबूर हुई थीं। जय राम जी ने तो कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के लिए चुनाव लड़ने तक की सलाह दे डाली थी। हमारी सरकार ने चुनावी गारंटी पूरी करते हुए 1.36 लाख कर्मचारियों का ओपीएस का सपना साकार किया है।उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी गारंटी पूरी करते हुए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना शुरू की है।

सुन्दर सिंह ठाकुर एवं संजय अवस्थी ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में पात्र युवाओं को दरकिनार कर, पेपर लीक के माध्यम से चहेतों को नौकरी बेचने के कुप्रयास हुए हैं और भर्ती एजैंसियां भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर रह गईं। जय राम ठाकुर की कमजोर नीतियों एवं भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की अनदेखी के कारण ही हजारों जेओए (आईटी) अभ्यर्थी आज तक इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। ऐसे में जय राम जी को इस मुद्दे पर सवाल उठाने का कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है।
दोनों नेताओं ने कहा कि प्रदेश में आपदा के दौरान केंद्र के भेदभावपूर्ण रवैये पर भी जय राम ठाकुर और प्रदेश के भाजपा नेता चुप्पी साधे रहे और राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए विधानसभा में पारित संकल्प का समर्थन करने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाए।

केंद्र से प्रत्येक राज्य को आपदा के दृष्टिगत मिलने वाली सामान्य राहत राशि के अतिरिक्त कोई विशेष पैकेज केंद्र की एनडीए सरकार ने जारी नहीं किया। इसके विपरीत पूर्व में उत्तराखंड व गुजरात में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान केंद्र से विशेष राहत पैकेज जारी हुए हैं।सुन्दर सिंह ठाकुर एवं संजय अवस्थी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अपना राजनीतिक आधार खिसकने से बौखलाए जय राम ठाकुर को याद रखना चाहिए कि एक वर्ष के कार्यकाल में वर्तमान प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना, सरकार जनता के द्वार, राजस्व लोक अदालतों के आयोजन जैसे कई कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू कर वंचितों व जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। ऐसे में प्रदेश की जनता ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में पूरा भरोसा रखती है और हिमाचल को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर तथा देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने में अपना योगदान देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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