November 23, 2024

प्रदेश में स्टार्ट-अप और नए उद्योगों को बढ़ावा दे रही सरकार: उद्योग मंत्री

0

शिमला / 23 जनवरी / न्यू सुपर भारत

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की उपस्थिति में उद्योग विभाग ने आज यहां भारतीय प्रबन्धन संस्थान सिरमौर तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के साथ इन संस्थानों में नए इन्क्यूबेशन संेटर स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए।उद्योग निदेशक राकेश प्रजापति ने प्रदेश सरकार की ओर से यह समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्टार्ट-अप को सभी प्रकार की सुविधाएं एवं सहयोग प्रदान करने के दृष्टिगत नए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं, इससे प्रदेश में औद्योगिकीकरण के विस्तार के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो सकेंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सरकार ने इन दो अग्रणी संस्थानों के साथ यह समझौता ज्ञापन किए हैं। इनके साथ ही अब प्रदेश में इन्क्यूबेशन केन्द्रों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रबन्धन संस्थान सिरमौर नए स्टार्ट-अप को रणनीति बनाने, नेटवर्किंग और बाजार तक पहुंच से संबंधित समझ विकसित करने के साथ ही अन्य उपयुक्त सहयोग प्रदान करेगा। एम्स बिलासपुर स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में स्टार्ट-अप को सहायता प्रदान करेगा।

उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश स्थित प्रमुख संस्थानों में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है ताकि राज्य में नए उद्योगों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि नए उद्यमी इन प्रमुख संस्थानों से अन्तरराष्ट्रीय स्तर की तकनीक एवं प्रौद्योगिकी में आए बदलाव के बारे में कई तरह के नवाचार एवं अन्य जानकारी प्राप्त कर इन्हें अपने उद्यमों में उपयोग में ला सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह संस्थान विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में अपने प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए भेज सकते हैं। इस तरह यह पारिस्थतिकी तंत्र उद्यमियों एवं इन संस्थानों दोनों के लिए ही लाभकारी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उद्यमियों को निरन्तर प्रोत्साहित कर रही है और क्षमता निर्माण तथा नवाचार को बढ़ावा देने के दृष्टिगत उनके कौशल में निखार लाने के लिए भी आवश्यक सहयोग एवं व्यावसायिक परामर्श इत्यादि प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रोजगार प्राप्त करने के बजाय युवा रोजगार प्रदाता बन सकें, इस उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्टार्ट-अप/नवाचार परियोजनाएं/नव उद्योग योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य स्टार्ट-अप को व्यावसायिक सलाह और समग्र रूप से संचालन संबंधी सहायता उपलब्ध करवाते हुए इनकी उन्नति सुनिश्चित करना है ताकि रोजगार के अवसर भी सृजित किए जा सकें।

उद्योग मंत्री ने कहा कि इन्क्यूबेशन सहयोग उद्यमियों को व्यापार में बढ़ावा देने तथा नए स्टार्ट-अप की सफलता में सहायक है। इन नवाचारों को प्रोत्साहन देने के दृष्टिगत राज्य सरकार विभिन्न संगठनों, औद्योगिक घरानों अथवा उद्योग साझेदारों के साथ मिलकर इन्क्यूबेटर स्थापित कर रही है। इससे स्टार्ट-अप संचालकों को पूंजीगत व संचालन व्यय में भी सहयोग मिल सकेगा। इस पहल के तहत इन्क्यूबेशन संेटर स्थापित करते हुए राज्य सरकार के सहयोग से स्टार्ट-अप को निधि जारी कर अनुदान आधार पर एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाएगा जिसमें उद्योगों की भागीदारी से इस तरह के कार्यक्रमों के संचालन में गति लाई जा सके।

उद्योग विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार द्वारा हिमाचल को श्रेणी-ख राज्यों की स्टार्ट-अप रैंकिंग में बेस्ट परफोर्मर आंका गया है।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक उद्योग रमेश वर्मा व दीपिका, भारतीय प्रबन्धन संस्थान सिरमौर के निदेशक प्रफुल्ला अग्निहोत्री, संस्थान के इन्क्यूबेशन केन्द्र प्रमुख डॉ.मोहिता शर्मा, निदेशक एम्स डॉ. वीर सिंह नेगी, उप-चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रान्त कंवर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *