शिमला / 21 सितम्बर / न्यू सुपर भारत
सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर प्रदेश के ऊपर क़र्ज़ का बोझ बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोरोना की महामारी के बाद भी हमने पूर्ववर्ती वीरभद्र सिंह सरकार से कम कर्ज लिया। कोरोना के बाद भी हमने न प्रदेश का विकास रुकने दिया और न ही प्रदेश के लोगों के हितों के साथ समझौता होने दिया। हमने सामाजिक सुरक्षा पेंशन का बजट स्व० वीरभद्र सिंह की सरकार के बजट का तीन गुना किया। जनहितकारी योजनाएं चलाई।
कोविड प्रबंधन और वैक्सीनेशन में कम संसाधनों बाद भी अव्वल रहे। केंद्र सरकार ने हमारी उपलब्धियों के लिए हमें सराहा। इसके बाद भी आज कांग्रेस हम पर वित्तीय प्रबंधन कुप्रबंधन का आरोप लगा रही है। यह शर्मनाक विषय है। सरकार में बैठे लोगों को लज्जा आनी चाहिए। श्वेत पत्र दो तीन सरकारों की तुलना होती है। अगर सरकार की नियत साफ़ है तो वह लाए इस सरकार समेत पिछली सरकार का श्वेत पत्र।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार स्व० वीरभद्र सिंह के समय का वित्तीय प्रबंधन पर भी श्वेत पत्र लाए और प्रदेश को बताए कि स्व० वीरभद्र सिंह ने पांच साल में 29 हज़ार 522 करोड़ का क़र्ज़ लिया और 10 हज़ार 24 करोड़ रुपये का क़र्ज़ चुकाया। स्व० वीरभद्र सिंह सरकार ने 19 हज़ार 498 करोड़ रुपये का प्रभावी क़र्ज़ लिया था। दो साल से ज़्यादा समय तक कोरोना की महामारी से गुजरने के बाद भी हमने 30 हज़ार 59 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था और 14 हज़ार 244 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया। हमारी सरकार ने मात्र 15 हज़ार 815 करोड़ रुपए का प्रभारीकर्ज लिया। कर्ज लेना और चुकाना आधुनिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा है। जब हम सत्ता में आये तो हमें लगभग 50 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ विरासत में मिला था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना में प्रदेश की आय के सभी साधन बंद थे। हमारी पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था में पर्यटन सबसे देर से बहाल हुई। लेकिन हमने कभी इस बात का रोना नहीं रोया। एक भी कर्मचारी और आउट सोर्स कर्मी का एक भी पैसा नहीं काटा। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यस्था क्या थी। मात्र दो ऑक्सीजन प्लांट थे, हमने 48 किए। दहाई में भी वेंटिलेटर नहीं थे पूरे प्रदेश में, हमने यह आंकड़ा हज़ार के ऊपर पहुंचाया।
सामाजिक सुरक्षा के नाम पर मात्र 436करोड़ रुपये खर्च करती थी हम 1300 करोड़ रुपये के ऊपर खर्च किए। सहारा, हिमकेयर, गृहिणी, स्वावलंबन, शगुन, बिजली, पानी निःशुल्क करने, महिलाओं का आधा किराया करने जैसे काम हमने किए। इसके बाद भी हमने अपने पूर्ववर्ती सरकारों से कम ऋण लिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि हम पर अंटिल कौन उठा रहा है जो सरकार आठ महीने के कार्यकाल में साढ़े आठ हज़ार करोड़ का ऋण ले लिया है। जबकि एक भी काम नहीं किया है। सारे विकास के काम ठप पड़े हैं। आठ हज़ार से ज़्यादा आउट सोर्स कर्मियों को निकाल दिया हैं। इसलिए कांग्रेस के मुंह से इस तरह की बातें शोभा नहीं देती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वह जब आये प्रदेश में हज़ारों करोड़ की परियोजनाओं के उद्घाटन करके गये। कांग्रेस सरकार में राहुल गांधी आचार संहिता के चार दिन पहले हिमाचल में पड्डल मैदान में आकर रैली किए। उस रैली को सरकारी रैली बनाकर एचआरटीसी की बसें लगाई गई । हमारी सरकार ने उस रैली के लिए 80 लाख का भुगतान एचआरटीसी को किया। कांग्रेस के लोग बताए राहुल गांधी क्या थे? वह तो सिर्फ़ एमपी ही थे। हमने कांग्रेस की तहत छोटी हरकत नहीं की। उन्होंने कहा कि जब हम कांग्रेस कि तरह बोलेंगे तो बात बहुत आगे निकल जाएगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश के लोगों से किए गए वादे को पूरा करने पर ध्यान लगाना चाहिये।
सदन मेंनेता प्रतिपक्षने कहा कि मुख्यमंत्री का नज़दीकी नेता लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में घुस कर उनके साथ ज़बरदस्ती करता है। उन्हीं के ऑफिस में अपने दो दर्जन गुड़ों के साथ बंधक बनाकर अपमानित करता है। अधीक्षण अभियंता घंटों थाने पर बैठा रहता है, एफ़आईआर नहीं दर्ज होने जाती। है। बहुत दबाव के बाद कांग्रेस नेता के ख़िलाफ़ एफ़आईआर लिखी जाती है। सत्ता में आने का मतलब गुंडागर्दी का लाइसेंस मिलना नहीं हो जाता है। मुख्यमंत्री बताए अधिकारी के साथ अपराध करने वाले नेता के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है।
कोरोना आउटसोर्स कर्मी बोले पांच महीनें से वेतन नहीं भी नहीं मिला है
शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आज चौड़ा मैदान में प्रदर्शन कर रहे कोरोना कर्मियों से मिले और उनके साथ अन्याय ने होने देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कोरोना जैसे कठिन समय में जब मरीज़ों के परिजन भी ख़ौफ़ज़दा थे उस समय इन कोरोना कर्मियों ने उनका साथ दिया, उनकी सेवा की। जब परिजन आगे नहीं आए तो इन्होंने अंतिम संस्कार भी किया। ऐसे में उन्हें नौकरी से निकाल देना बहुत बड़ा पाप है। सरकार यह मनमानी नहीं कर सकती है। सरकार इनकी नौकरी को बहाल करे और जल्दी से जल्दी इनका वेतन भी जारी करे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना के समय में स्वास्थ्यकर्मियों की आवश्यकता थी तो कोरोना कर्मियों को भर्ती किया था। सभी कोरोना प्रभावितों की पूरी सेवा की। इस सेवा में वही लोग आये जिनके अंदर समाज सेवा का जज़्बा था और ज़रूरतमंद थे। व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर आई सुक्खू सरकार ने इनकी सेवाएं समाप्त कर दी। हमने इनके हक़ ने आवाज़ उठाई, जिसके बाद सरकार ने इन कर्मियों की सेवा में 3 महीनें का विस्तार कर दिया।
इस महीनें वह समय सीमा फिर से ख़त्म ही रही है। अब लोगों को यह नहीं पता कि आगे क्या होगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार नौकरी देने के नाम पर सत्ता में आई है। नौकरी से निकालने के नाम पर नहीं। जिन्होंने ज़रूरत पड़ने पर अपने जान की परवाह किए बिना अपनी नौकरी की उन्हें इस तरह से नौकरी से निकालना न सिर्फ़ अन्याय बल्कि पाप है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह के पाप न करे। नौकरी दें नहीं सकती तो जिन्हें नौकरी मिली है उन्हें नौकरी से निकाले नहीं। नेता प्रतिपक्ष से मिलने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों ने कहा बहुत से कर्मचारी इस प्रदर्शन में आना चाहते थे। पांच महीनें से नौकरी नहीं मिलने की वजह से शिमला आने और जाने का किराया भी उनके पास नहीं था। सभी आउटसोर्स कर्मियों ने कहा कि हमारी नौकरी सुनिश्चित की जाए। हर महीनें वे सचिवालय और मुख्यमंत्री के दफ़्तर के चक्कर लगाते हैं। इसलिए सरकार उनकी नौकरी को सुनिश्चित करें।