November 16, 2024

हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन तथा आजीविका सुधार परियोजना’’

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शिमला/04 अक्तूबर /एनएसबी न्यूज़


वन मंत्री गोविन्द ठाकुर तथा शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज की उपस्थिति में जिका (श्रप्ब्।) सहायता प्राप्त ‘‘हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन तथा आजीविका सुधार परियोजना’’ के परियोजना मुख्यालय का उद्घाटन आज पाॅटर्स हिल, समरहिल, शिमला में किया गया। 
 इस अवसर पर गोविन्द ठाकुर ने बताया कि मार्च, 2018 में हस्ताक्षरित, जिका के 800 करोड़ रुपये ओडीए वित्त पोषित परियोजना हिमाचल प्रदेश के छः जिलों बिलासपुर, शिमला, मण्डी, कुल्लू, किन्नौर व लाहौल-स्पीति में कार्यान्वित की जाएगी। उन्होंन बताया कि इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य परियोजना क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण और सतत् सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान करते हुए वन पारिस्थितिकी प्रणालियों का प्रबंधन और संवर्धन करना है। 

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परियोजना में जैव विविधता संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के सुधार में योगदान करने की योजना है जहां जल संरक्षण, मिट्टी के संरक्षण को रोकने और स्थानीय निवासियों के स्थायी वैकल्पिक आजीविका स्थापित करने के लिए आवश्यक सहायता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 
उन्होंने बताया कि परियोजना की कुल लागत में से 80 प्रतिशत यानी 640 करोड़ रुपये जापानी ओडीए द्वारा वहन किए जाएंगे और 20 प्रतिशन यानी 160 करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश वन विभाग द्वारा 4 प्रमुख घटकों के माध्यम से सभी नियोजित गतिविधियों को कार्यान्वित किया जाएगा- सतत् वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण, आजीविका सुधर सहायता और संस्थागत क्षमता का सुदृढ़ीकरण। 

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यह 10-वर्षीय परियोजना (2018-2028) चरणों में कार्यान्वित की जाएगी, प्रारंभिक चरण (2018-2020), कार्यान्वयन चरण (2020-2026) तथा समेकन चरण (2026-2028)। अभी यह परियोजना अपने प्रारंभिक चरण में है, जहां संस्थागत व्यवस्थाओं को स्थापित करने और मजबूत बनाने, आवश्यक कर्मचारियों की तैनाती, आधारभूत सर्वेक्षण, दिशा-निर्देशों और नियमावली का निर्माण और चार घटकों के लिए रणनीतिक दृष्टि और योजना तय करने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश गतिविधियां अपने अंतिम चरण में हैं और परियोजना कार्यान्वयन के अगले चरण को शुरू करने के लिए शीघ्र ही पूरी की जाएगी। 
उन्होंने कहा कि इस परियोजना में स्थानीय समुदायों, अनुसंधान संस्थानों और अन्य सरकारी विभागों से इसके प्रभावी कार्यान्वयन में भागीदारी के लिए सहयोग प्राप्त किया जा रहा है। इस मुख्यालय का उद्घाटन परियोजना के लिए एक मजबूत पहचान को स्थापित करने की दिशा में एक कदम है, जो हिमाचल प्रदेश में सतत् पर्यावरणीय और सामाजिक विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोग और ठोस प्रयासों को बढ़ावा देगा।
कार्यक्रम में वन मंत्री ने वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन तथा आजीविका सुधार परियोजना द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।  
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह प्रोजेक्ट जापान से प्राप्त हुआ है तथा पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम पर इस वाटिका का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि हमे वनों को बढ़ाने की आवश्यकता है तथा विकास के नाम पर वनों की कटाई गलत कदम है। उन्होंने कहा कि वन विभाग को जो भी जरूरत शिक्षा विभाग से चाहिए, हर संभव प्रयास हम करने को तैयार हैं। 
इस अवसर पर वन मंत्री गोविन्द ठाकुर तथा शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने देवदार के पौधे भी रोपित किए। 
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) राम सुभाग सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षण (हाॅफ) अजय कुमार, मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया, हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय समुदायों के प्रतिनिधि और परियोजना कर्मचारी भी उपस्थित थे। 

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