November 6, 2024

बाल विवाह करवाने या बढावा देने में सहायक व्यक्तियों को हो सकती है दो साल तक की सजा- ओम कांत ठाकुर

0

मंडी / 1 मई / न्यू सुपर भारत ///

एसडीएम सदर मण्डी ओम कान्त ठाकुर ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है और यह गैर कानूनी है। इसकी रोकथाम के लिए कानूनी प्रावधानों के कार्यान्वयन के साथ-साथ समाज में जागृति लाने की आवयकता है। बाल विवाह करवाने या बढावा देने में सहायक व्यक्तियों को दो साल तक की सजा और एक लाख रूपए तक का जुर्माना या दोनो हो सकते हैं। 

यह जानकारी उन्होंने बाल विवाह रोकने व बाल विवाह निशेध अधिनियम, 2006 के प्रति जाग़रूक करने को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत 18 वर्ष के कम आयु की लडकी और 21 वर्ष से कम आयु के लडके को नाबालिग माना जाता है और नाबालिगों द्वारा किया गया विवाह गम्भीर और गैर जमानती अपराध है। 

बाल विवाह के आयोजन से संबंधित जानकारी, जिलाधिकारी, उप मण्डलाधिकारी, बाल विकास निषेध अधिकारी (सीडीपीओ), नजदीकी पुलिस थाना को देने या फिर पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 व 1090 पर सूचित करने के लिए कहा ताकि तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित हो सके। बाल विवाह की आशंका को देखते हुए लडका-लडकी के बालिग होने की पुष्टि हेतु उनके जन्म तिथि से संबंधित कागजात देखने  के लिए कहा। 

एसडीएम ने महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग तथा पुलिस विभाग को ग्रामीण स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला मण्डलों एवं पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से समाज के सभी लोगों को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के सभी प्रावधानों की जानकारी देने के निर्देश दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *