मंडी / 5 मार्च / न्यू सुपर भारत
मंडी जिला प्रशासन को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड (गोल्ड) से नवाजा गया है। जिला प्रशासन को बेटियों के सर्वांगीण विकास एवं सशक्तिकरण के लिए चलाए ‘देई’ (डी.ईआई – डॉटर्स एम्पावरमेंट इनिशिएटिव) कार्यक्रम के बेहतर व सफल कार्यान्वयन के लिए यह अवार्ड मिला है।उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जिले में ‘देई’ कार्यक्रम को एक जन आंदोलन का रूप देकर आगे बढ़ाया गया है। इसके माध्यम से जिला में लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य किया जा रहा है।
वहीं इसमें लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों को लेकर भी जन जागरूकता लाने के प्रयास सम्मिलित हैं। इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम रहे हैं।बता दें, मंडी जिला प्रशासन ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत 8 जून, 2023 को जिले में देई कार्यक्रम आरंभ किया था।
श्री देवगन ने प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड मिलने पर मंडी जिला की जनता को बधाई दी और सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के सहयोग की सराहना करते हुए आभार जताया है। उल्लेखनीय है कि स्कॉच अवार्ड स्वतंत्र संगठन स्कॉच फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार भारत को बेहतर राष्ट्र बनाने के लिये अभिनव प्रयास करने वाले व्यक्तियों-संस्थानों-प्रतिष्ठानों को विभिन्न श्रेणियों में दिया जाता है।
देई कार्यक्रम में बेटियों के सशक्तिकरण के बहुस्तरीय प्रयास
मंडी जिला प्रशासन देई कार्यक्रम के माध्यम से जिले में बेटियों के सशक्तिकरण के बहुस्तरीय प्रयासों में जुटा है। इसमें लिंगानुपात में सुधार लाने, बेटियों के सशक्तिकरण, पंचायत स्तर पर बेटियों के जन्मोत्सव आयोजन, मेधावी बेटियों को छात्रवृत्तियां प्रदान कर प्रोत्साहित करने, बेटियों को एक्सपोजर विजिट करवाने तथा मासिक धर्म स्वच्छता एवं स्वास्थ्य देखभाल को लेकर जागरूक करने का काम किया जा रहा है।
मंडी जिला में लिंगानुपात में सुधार के लिए देई अभियान के तहत व्यापक योजना तैयार की गई है। अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, शिक्षा, पुलिस विभाग के अतिरिक्त नेहरू युवा केंद्र के आपसी समन्वय के साथ बेटियों के सशक्तिकरण के लिए कार्य किया गया।
देई अभियान के तहत हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाली जिला की 3 बेटियों को सम्मानित किया गया। स्कूल में अध्ययनरत लड़कियों को उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक तथा उपमंडलाधिकारी कार्यालयों का एक्सपोजर विजिट करवाया गया।अभियान के तहत बेटियों को समानता का अधिकार दिलाने और समाज में उनकी स्थिति मजबूत बनाने के उद्देश्य से माह के तीसरे शनिवार को स्कूलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत 758 प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
सभी शैक्षणिक संस्थाओं में अभियान के तहत खेल गतिविधियों भी आयोजित की जा रही है। पुलिस विभाग द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं में बेटियों स्वयं रक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।देई अभियान के अंतर्गत जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर बालिका गौरव उद्यान स्थापित किए गए हैं, जिसके तहत वर्ष 2023-24 में 30 हजार पौधे रोपित किए गए।
इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, शिक्षा तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा आपसी समन्वय से ‘हमारी बेटी-हमारा सम्मान’ योजना आरंभ की गई है, जिसके तहत खेल, शिक्षा, सामाजिक क्षेत्र तथा स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली बेटियों की पहचान कर उनके अनुभवों से अन्य बेटियों को प्रेरित किया जा रहा है।