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व्यवस्था परिवर्तन का एक साल: धर्मशाला पहुंचेंगे 30 हजार लोग: पठानिया

धर्मशाला / 06 दिसंबर / न्यू सुपर भारत

विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का एक साल राज्य स्तरीय कार्यक्रम का धर्मशाला में भव्य आयोजन किया जाएगा इसमें राज्य भर से तीस हजार के करीब लोग शामिल होंगे, कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर विभिन्न स्तरों बैठकें भी आयोजित की जाएंगी। बुधवार को धर्मशाला डीसी आफिस कार्यालय परिसर के सभागार में पत्रकार वार्ता में विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि गत वर्ष 11 दिसंबर को वर्तमान सरकार ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु के नेतृत्व में सत्ता संभाली थी तथा सत्ता को समाज सेवा के साथ जोड़ते हुए व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प भी लिया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने एक वर्ष के कार्यकाल में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिज्ञा पत्र के वायदों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। प्रदेश की आर्थिकी मज़बूत करने, सभी वर्गों के कल्याण और सभी क्षेत्रों के विकास के लिए जन हितैषी योजनाएं लागू की जा रही हैं। आम जनमानस को बेहतर सुविधाएं मिलें इस के लिए व्यवस्थाओं को जनहितैषी बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने सत्ता सम्भालते ही अनाथ बच्चों को अपनाने का संकल्प लिया। उन्हें चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा दिया। मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरम्भ की तथा मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष की स्थापना भी की गई। प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का वायदा निभाया है। कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित किया यही व्यवस्था परिवर्तन है।

उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा तथा स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रत्येक विस क्षेत्र में मॉडल स्कूल तथा आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि युवाओं को रोज़गार के एक लाख अवसर सृजित करने के लिए मंत्रिमंडल स्तर की उप-समिति गठित की गई है जो इसके लिए खाका तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 6 ग्रीन कॉरिडोर घोषित किए गए हैं। प्राइवेट ऑपरेटरों को इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक ट्रक, इलेक्ट्रिक टैक्सी, इलेक्ट्रिक ऑटो तथा ई-गुड्स कैरियर लेने पर 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल आरम्भ करने का फैसला लिया गया है। गरीब मेधावी बच्चों को इंजीनियरिंग, चिकित्सा, एम.बी.ए., बी-फार्मेसी, नर्सिंग, तथा पीएचडी आदि की पढ़ाई के लिए बैंकों से एक प्रतिशत ब्याज दर पर लोन मिलेगा। गरीब बच्चों को सपने बुनने का अधिकार देकर व्यवस्था परिवर्तन की ओर कदम बढ़ाए हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। सरकार साहसिक धार्मिक एवं ईको-टूरिज़्म के विस्तार के लिए पर्यटन अधोसंरचना को विकसित कर रही है। ज़िला कांगड़ा को हिमाचल की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए 3 हजार करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है।

सभी ज़िलों में हेलीपोर्ट स्थापित करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु के नेतृत्व में पूरी सरकार ने ग्राउंड जीरो पर डटकर आपदा प्रभावितों को राहत दिलाने के लिए प्रतिबद्वता के साथ कार्य किया तथा केंद्र सरकार से आपदा राहत के तहत किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिलने के बावजूद प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से 4500 करोड़ का आपदा राहत पैकेज जारी किया तथा इस वर्ष आपदा के दौरान गम्भीर संकट की स्थिति को देखते हुए सरकार ने राहत के तौर पर दी जाने वाली राशि कई गुणा बढ़ाई है। यही व्यवस्था परिवर्तन का जीवंत उदाहरण है। इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशक पुनीत मल्ली भी उपस्थित थे।

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