भाषा ही विकास की सारथी, बच्चों को सभी भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी: बाली
धर्मशाला / 18 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत
भाषा ही विकास की सारथी है विद्यार्थियों को सभी भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी है। यह उद्गार पर्यटन निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने बुधवार को सीनियर सेकेंडरी स्कूल समलोटी में जिला स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता कार्यक्रम के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में हमारा देश अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए पहचाना जाता है। इसकी यह पहचान इसकी भाषा के कारण ही है। कई भाषाएं अपने भीतर कई परंपराओं को समेटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है तथा संस्कृत संस्कारों की भाषा है। उन्होंने कहा कि हमारे हिमाचल प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में विद्यार्थियों को क्वालिटी शिक्षा देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं । उन्होंने इस संस्कृत प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यालयों के बच्चों और अध्यापकों की प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन के दौरान इस जिला स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए इसके आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने स्कूल की छात्रा वंशिका गोस्वामी और उनके शारीरिक शिक्षा अध्यापक कैलाश शर्मा को राष्ट्रीय स्तर पर बॉक्सिंग में सिल्वर मेडल प्राप्त करने के लिए बधाई दी। उन्होंने पाठशाला के विकास के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की। संस्कृत अकादमी हिमाचल प्रदेश के अधिकारी केशवानंद ने मुख्य अतिथि को इस प्रतियोगिता के बारे में संबोधन दौरान जानकारी दी। उन्होंने मुख्य अतिथि से संस्कृत जो कि हमारी सबसे पौराणिक भाषा है इसे इसका उचित दर्जा दिलाने की अपील की।
इसके उपरांत पाठशाला के प्रधानाचार्य एन.डी शर्मा ने संबोधन दौरान मुख्य अतिथि को इस संस्कृत प्रतियोगिता के बारे में जानकारी दी।पाठशाला के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना सहित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। मुख्यातिथि ने जिला स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता में विजय प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह और सम्मान राशि और सभी को प्रतियोगिता प्रमाण पत्र वितरित किए।
आज के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सहित एसडीएम मुनीष शर्मा, प्रधानाचार्य नारायण दत्त शर्मा, हिमाचल संस्कृत अकैडमी शिमला से केशवानंद, बृहस्पति मिश्रा, विजय अवस्थी, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मानसिंह, कांग्रेस वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप रियाड़, सुमित्र, संतोष कुमार, मसंद, दिवाकर, सतपाल, डी.एस.पी, बीएमओ रूबी भारद्वाज, संदीप अवस्थी, लीलाधर, अमर सिंह वर्मा, अविनाश, विभिन्न स्कूलों से आए हुए अध्यापक और छात्र मौजूद रहे।