November 22, 2024

 टीबी को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए खुला संवाद जरूरी: डीसी

0

धर्मशाला / 23 मार्च / न्यू सुपर भारत

उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि टीबी रोग को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए खुला संवाद जरूरी है इसमें सभी नागरिकों को अपनी रचनात्मक भूमिका का निर्वहन सुनिश्चित करना चाहिए ताकि कांगड़ा जिला को टीबी मुक्त बनाया जा सके। शनिवार को ‘विश्व क्षय रोग दिवस’ के उपलक्ष्य पर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम तथा यूनियन संस्था के सहयोग से उपायुक्त कार्यालय परिसर के सभागार में आयोजित एक दिवसीय वर्कशाॅप की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने लोगों से जिला में क्षय रोग (टीबी) के खिलाफ एक जन आंदोलन खड़ा करने का आह्वान किया है। उन्होंने टीबी उन्मूलन के संकल्प को पूरा करने में बहुक्षेत्रीय सहभागिता पर भी बल दिया।

उपायुक्त ने कहा कि साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के संकल्प के साथ काम किया जा रहा है। कांगड़ा जिला इसमंे अपनी भूमिका निभाने को तत्पर है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिला प्रशासन निरंतर प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में टीबी के लिए नैदानिक क्षमता में काफी वृद्धि के साथ डायग्नोस्टिक सुविधा की मजबूती पर बल दिया गया है। जिले में 47 सक्रिय टीबी डायग्नोस्टिक केंद्र हैं। जिलाधीश ने टीबी समाप्त करने के लिए टीबी परीक्षा दर में वृद्धि करने, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र से टीबी की पहचान पर बल देने, टीबी निवारक उपचार व्यवस्था को मजबूत करने को कहा। साथ ही दवा प्रतिरोधी टीबी में कमी लाने, सामुदायिक भागीदार के लिए रणनीति निर्माण, बहुक्षेत्रीय सहभागिता और सामाजिक कॉर्पोरेट गतिविधियों का बढ़ावा देने तथा टीबी मुक्त भारत अभियान को और गति से आगे बढ़ाने और बीमारी के कारण होने वाले जेब खर्च को कम करने के लिए कार्य करने पर बल दिया।

नि-क्षय मित्र बनकर टीबी उन्मूलन में दें सहयोग
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने आम नागरिकों से नि-क्षय मित्र बनकर टीबी उन्मूलन में अपना सहयोग देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाईयां नि-क्षय मित्र बनकर टी.बी रोगियों की सहायता को आगे आएं और टी.बी मुक्त कांगड़ा बनाने के संयुक्त प्रयासों में सहयोगी बनें। उपायुक्त ने कहा कि क्षय रोग असाध्य रोग नहीं है। रोग की शीघ्र और सही जांच के बाद सफल उपचार से टी.बी को हराना संभव है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डा सूद ने बताया कि नि-क्षय मित्र के रूप में पंजीकरण के लिए नि-क्षय पोर्टल पर एक वेब पेज कम्यूनिटीस्पोर्ट डाॅट निक्षय डाॅट आइएन बनाया गया है। इस पर पंजीकरण करने पर एक विशिष्ट आईडी मिलती है जिसके अनुसार ख्ंाड चिकित्सा अधिकारी या जिला क्षय रोग अधिकारी नि-क्षय मित्र से संपर्क करके उनके साथ सामुदायिक सहायता प्राप्त करने के लिए सहमति देने वाले सक्रिय टी.बी रोगियों की सूची साझा करते हैं। नि-क्षय मित्र उसके अनुसार सहायता का विकल्प चुन सकते हैं। इस अवसर पर टीबी चैपिंयन्स ने भी अपने अनुभव साझा किए।

बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील शर्मा ने जिले में टीबी उन्मूलन के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। इस अवसर पर टीबी उन्मूलन में बेहतरीन सहयोग देने वाले सीएचओ, आंगनबाड़ी वर्कर्स को सम्मानित भी किया गया।बैठक में यूनियन संस्था के प्रतिनिधि प्रवीण कुमार, गूंजन के डायरेक्टर विजय कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा अन्य हितधारक उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *