हिमाचल हाईकोर्ट का CPS की नियुक्तियों पर बड़ा फैसला
शिमला / 13 नवंबर / न्यू सुपर भारत /
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार, 13 नवंबर को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए गए 6 मुख्य संसदीय सचिवों (CPS) की नियुक्तियों को असंवैधानिक करार देते हुए उन्हें तुरंत हटा दिया। कोर्ट ने 2006 के CPS एक्ट को निरस्त करते हुए सभी CPS को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं तुरंत प्रभाव से वापस लेने का आदेश दिया है। सरकार इन्हें गाड़ी के साथ दफ्तर, स्टाफ और मंत्रियों के समान वेतन दे रही थी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने 6 विधायकों को CPS नियुक्त किया था, जिनमें रोहड़ू के विधायक एमएल ब्राक्टा, कुल्लू के सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के संजय अवस्थी, पालमपुर के आशीष बुटेल, दून के राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल शामिल हैं।
सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी
इस फैसले के बाद, हिमाचल प्रदेश के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने कहा कि राज्य सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
CPS की नियुक्ति पर विवाद
CPS की नियुक्ति को लेकर विपक्ष ने कड़ा विरोध किया था, और बीजेपी के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने इसे असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।